
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरीखे राजनेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा। ऐसे कई नेताओं ने अपनी साख गंवाई। लेकिन हरिद्वार में दो प्रत्याशियों ने अपनी सरकारी नौकरी गंवाई। न तो वह विधायक बन सके और न सरकारी नौकरी में रह पाए।
रानीपुर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी राजबीर राजबीर चौहान ने नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा। लेकिन नौकरी गंवाकर भी राजबीर चुनाव नहीं जीत पाए। वहीं, वन सेवा से वीआरएस लेकर ज्वालापुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े सनातन सोनकर के साथ भी यही हुआ। चुनाव जीतना तो दूर सोनकर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।
सरकारी नौकरी हर किसी का ख्वाब होता है। लेकिन राजनीति भी अजीब चीज है। इसके जलवे-जलाल के आगे बड़े से बड़े सरकारी नौकर भी पानी भरते हैं। बस इसी रुतबे की चाहत ने राजबीर सिंह चौहान व सनातन सोनकर को नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। नियम को देखते हुए रानीपुर सीट से टिकट होने पर कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर सिंह चौहान ने भेल में अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा। यह फैसला इतना आसान नहीं था, लेकिन राजबीर चौहान ने विधायक बनने के लिए नौकरी को दांव पर लगा दिया। बावजूद इसके राजबीर को सफलता नहीं मिल सकी।
इसी तरह हरिद्वार में डीएफओ रहे सनातन सोनकर ने भारतीय वन सेवा से वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा। टिकट की उम्मीद में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ली। टिकट न मिलने पर उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। मगर वह सिर्फ 600 वोट से आगे नहीं बढ़ पाए।
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