पंच👊नामा-पिरान कलियर: विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच जहा नेता तोड़-जोड की रणनीति पर काम कर रहे है तो वही कुछ नेताओं के समर्थक अपने नेताओं की जड़ो में मठ्ठा डालने से भी गुरेज नही कर रहे है। जनपद की मुस्लिम बहुमूल्य सीट पर अपने नेता की एक “तरफा जीत मानकर कुछ समर्थक अर्नगल बयानबाजी करते दिखाई दे रहे है। जबकि नेताजी ने समर्थकों को साफ-साफ कहा है कि ऐसी बयानबाजी से बचे जिससे किसी को ठेस पहुँचे, बावजूद इसके कुछ समर्थक हवा से बातें कर रहे है और जीत की राह को आसान करने की बजाय मुश्किल खड़ी कर रहे है।
पिरान कलियर विधानसभा सीट बनने के बाद से ही लगातार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। कांग्रेस के वर्तमान विधायक हाजी फुरकान अहमद दो योजनाओं से इस सीट का प्रतिनिधित्व करते आए है। पिरान कलियर सीट पर दोनों बार हाजी फुरकान अहमद का सीधा मुकाबला हाजी मौ. शहजाद से रहा है हालांकि 2017 के चुनाव में मौ. शहजाद बतौर निर्दलीय तीसरे नम्बर पर रहे थे, लेकिन तब-भी फुरकान बनाम शहजाद का ही चुनाव माना गया था। इस बार मौ.शहजाद बसपा से लक्सर सीट पर चुनाव लड़ रहे है। सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के सीट छोड़ने पर हाजी फुरकान के कुछ समर्थक पहले से ही प्रचंड जीत का ख्याब देख बैठे है। जिसके चलते कुछ समर्थक कटासपूर्वक भाषा का इस्तेमाल कर भाजपा की राह आसान करने का काम कर रहे है। अगर यूं कहें कि ये लोग फुरकान के समर्थक होने की बजाय भाजपा की बी पार्टी है तो अतिशोक्ति नही होगी। मसलन मौ. शहजाद का वोट बैंक इस बार अपना विकल्प तलाश रहा है, विकल्प के रूप में कांग्रेस, बसपा, भाजपा या अन्य कोई और दल भी हो सकता है, ऐसे में हाजी फुरकान अहमद इस वोट बैंक में जितनी भी सेंधमारी कर सकते है उतनी ही जीत की राह आसान होगी, यदि समर्थकों की बयानबाजी से छिटककर ये वोट बैंक खिसक गया तो हाजी फुरकान अहमद के किए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।