
पंच👊नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: हादसे में लालढांग के 32 बारातियों की मौत की दुखद घटना ने हरिद्वारवासियों के जहन में साल 2010 और 2011 में हुए दो बड़े हादसों की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं। इसे दुखद संयोग ही कहा जाएगा कि पहले हादसे में 11 बारातियों की मौत हुई। दूसरे हादसे में 22 व्यापारी व उनके परिजन अकाल मौत का शिकार हुए। हरिद्वार से जुड़े दशक के तीसरे बड़े हादसे में अब उसी गणना के हिसाब से मौत का आंकड़ा 32 जा पहुंचा है। धर्मनगरी में हर कोई यह प्रार्थना कर रहा है कि हे भगवान अब कभी ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति न हो। हादसे में घायल बरातियों की सलामती के लिए भी लोग दुआएं कर रहे हैं।

ज्वालापुर के लोग 30 नवंबर 2010 का दिन याद कर आज भी सिहर उठते हैं। जब ज्वालापुर निवासी इमरान मलिक की बारात बिजनौर से लौट रही थी। हरिद्वार-नजीबाबाद हाइवे पर गैंडीखाता में बारातियों से भरी एक कार सड़क किनारे खराब होने के कारण जैक के सहारे खड़े ट्रक के नीचे जा घुसी थी। ट्रक के नीचे दबने से कार में सवार ड्राइवर सहित ज्वालापुर निवासी वकील मंसूरी, कामिल, नानू, गुलजार, आकिल, बब्बू, हसीन, टिंकू, नाजिम, इमरान अंसारी की दर्दनाक मौत हो गई थी। इन सभी युवाओं की उम्र 18 से 32 साल के बीच थी। रौंगटे खड़े कर देने वाले इस हादसे को एक दशक गुजर चुका है, लेकिन परिवार वाले आज भी इतने गमजदा हैं कि उनके लिए मानो यह कल की बात हो।

इसी तरह पांच जनवरी 2011 की रात हरिद्वार के भीमगोड़ा व्यापार मंडल व खड़खड़ी व्यापार मंडल के करीब 400 लोग आठ बसों में मसूरी से नए साल का जश्न मनाकर लौट रहे थे। रात करीब 8:30 बजे कुठाल गेट के पास कोल्हूखेत में एक बस रेलिंग तोड़ते हुए खाई में जा गिरी। बस में 41 लोग सवार थे। इस हादसे में हरिद्वार, ज्वालापुर व कनखल निवासी वैभव, आकांक्षा, तरुण, दिशा, वरुण, संजय, बलराम, मुनमुन, नूपुर, ऋषभ, पूनम, धन देवी, रूबी, सोनिया वाधवा, निशान वाधवा, भाव्या, सोनू वाधवा, महेश, भूमि और अनेश गोयल की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि चालक दुर्घटना से पहले ही कूदकर फरार हो गया था।

नया साल आते ही इस हादसे का याद कर हरिद्वार के व्यापारी वर्ग की आंखें नम हो जाती हैं। ताजा हादसे में भी लालढांग के 32 लोग अकाल मौत के मुंह में समा गए। हादसे में इतनी बड़ी संख्या में बारातियों की मौत का पता चलने पर शहर में पिछले दोनों हादसों की चर्चाएं अचानक सबकी जुबान पर आ गई।
—————————————-
चालक ने जानबूझकर खाई में गिराई थी बस…….
हरिद्वार: उस समय मसूरी थाने की कोल्हूखेत पुलिस चौकी प्रभारी कबूल सिंह की ओर से बस चालक राकेश लाल निवासी ज्वालापुर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या व एमवी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। गिरफ्तारी के बाद जिला जज राम सिंह की अदालत ने 22 मौत के मामले में बस चालक राकेश लाल को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। अदालत में साबित हो गया था कि चालक ने जानबूझकर बस को खाई में गिरा दिया था। मृतकों में नौ पुरुष, सात महिलाएं और छह बच्चे शामिल थे।
—————————————

कार से जीवित बचा था इकलौता असलम …….
हरिद्वार: गैंडीखाता में हादसे का शिकार हुई कार में कुल 12 बाराती सवार थे। खनन सामग्री से लदा ट्रक का वजन पड़ने से कार इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी कि मृतकों और घायलों को कटर से काटकर निकालना पड़ा था। इस कार में सवार केवल एक बाराती असलम निवासी अहबाबनगर लंबे इलाज के बाद जीवित बचा था। इसे कुदरत का करिश्मा भी माना गया। हादसे के मृतक वकील के भाई “नईम मंसूरी बताते हैं कि भाई की याद आते ही हादसे का खौफनाक और दर्दनाक मंजर आंखों में तैरने लगता है। परिवार के लिए वह हादसा कभी न भरने वाले जख्म की तरह है।