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अचानक नहीं हुआ “बेलड़ा बवाल, सुबह से सुलगती रही चिंगारी, जिद पर अड़े रहे अफसर..

कोतवाली में नौ घंटे चला धरना, पीड़ित परिवार को संतुष्ट नही कर पाए अफसर, आखिर किसने बनाया नाक का सवाल, अब 14 उपद्रवी गिरफ्तार..

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पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: रुड़की के गांव बेलडा में पुलिस बनाम ग्रामीणों के बीच हुए बवाल को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ग्रामीण अचानक इतने उग्र क्यों हो गए कि उनके सब्र का बांध टूट गया। कोतवाली में नौ घंटे धरना चला, इसके बावजूद रुड़की पुलिस सुबह से सुलग रही चिंगारी को आखिर क्यों भांप नहीं पाई।

फाइल फोटो

ये अलग बात है कि बवाल होने के बाद जिले भर के अफसरों ने एक जुट होकर मोर्चा संभाल लिया, लेकिन बवाल के पीछे रुड़की पुलिस के अफसरान की लचर कार्यशैली भी उजागर हो रही है।

फाइल फोटो

सोमवार सुबह से ही गांव बेलडा निवासी युवक पंकज की संदिग्ध मौत हो लेकर परिजन-ग्रामीण बुरी तरह उखड़े हुए थे। उनका आरोप था कि पंकज की हत्या की गई है, जबकि प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस उसे दुर्घटना बता रही थी।

फाइल फोटो

परिजन चाहते थे कि इस संबंध में हत्या का केस रजिस्टर्ड किया जाए। लेकिन पुलिस गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की अपनी बात पर अड़ी रही। महज इस बात को लेकर ग्रामीण-पुलिस के बीच तनातनी दिन भर में बढ़ती जा रही थी।

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चर्चा है कि रुड़की में तैनात एक महिला पुलिस अफसर इसी बात पर अड़ी रही कि गैर इरादतन हत्या का केस ही दर्ज होगा, वह पीछे हटने वाली नहीं है। इधर, युवक की मौत से गमजदा परिवार के संग आमजन की सहानुभूति बढ़ती चली गई। उसका नतीजा अंत में बवाल के रूप में ही निकलकर आया।

फाइल फोटो

बड़ा सवाल यह है कि अगर पुलिस हत्या का केस भी दर्ज कर लेती, तब भी जांच पुलिस को ही करनी थी। ऐसे में रिमोट पुलिस के हाथ में ही था, फिर भला नाक का सवाल बनाते हुए इतनी जिद क्यों की गई। पुलिस की बात पर ही अमल करे तो रुड़की पुलिस के अफसर पीड़ित परिवार का भरोसा जीतने में क्यों असफल रहे, वे उन्हें भला संतुष्ट क्यों नहीं कर सकें।

फाइल फोटो

साफ साफ दिखाई दे रहा है कि पूरे बवाल के पीछे पुलिस की ठसक के साथ साथ कुप्रबंधन की तस्वीर झलक रही है। रुड़की पुलिस ने एक भी अफसर ने संजीदीगी नहीं दिखाई, वरना इतना बड़ा बवाल न खड़ा होगा।

फाइल फोटो

पुलिस पार्टी के हमलावर भले ही जेल चले जाएंगे, लेकिन उन्हें इस पर राह पर लाकर खड़े करने के सवाल को भी पुलिस महकमे को पूरी तरह से साफ करना चाहिए।
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गांव में पहले पहुंचे कप्तान, बाद में अफसर

हरिद्वार: बवाल के दौरान रुड़की पुलिस के अफसर गांव से नदारद थे। हरिद्वार के एसएसपी के पहुंचने के बाद कई अधिकारी दौड़ते भागते गांव पहुंचे। यह भी अपने आप में सवाल है कि शव गांव में ले जाने के दौरान अधिकारी वहां मौजूद क्यों नहीं थे। जब बवाल हो रहा था आखिर अफसर थे कहां…?? यह भी माना जा रहा है कि अभी आला अफसर गांव में मौजूद रहती तो शायद लास्ट मूवमेंट पर भी बवाल थामा जा सकता था।

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“हर मोर्चे पर कप्तान, क्या कर रही बाकी फौज….

फाइल फोटो

हरिद्वार: बात चाहे सिटी की हो या देहात की, कोई भी बड़ी घटना होने पर एसएसपी अजय सिंह अधीनस्थों को साथ लेकर खुद मोर्चा संभालते हैं। आमजन में भी यह चर्चाएं हैं कि एसएसपी हर घटना में कप्तान होने के बावजूद एडिश्नल एसपी व सीओ की भूमिका में रहते हैं। चाहे मौके पर जाकर बवाल थामना हो या फिर हत्या, लूट जैसी गंभीर घटनाओं में पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें संतुष्ट करना हो।

फाइल फोटो: पुलिस कप्तान अजय सिंह

ऐसे में सवाल यह है कि जब सारे काम खुद एसएसपी को ही करने हैं तो बाकी फौज क्या कर रही है। जिले के पुलिस महकमे में लग रहा है कि मानो अधीनस्थों की कोई जवाबदेही ही नहीं है। जब तक जवाबदेही तय ही नहीं होगी, तब तक भला वे कैसे संजीदा होंगे।
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“कई थाने कोतवालियों में अनुभवहीन टीम….

फाइल फोटो

जिले में इस समय कई संवेदनशील थाना कोतवालियों की कमान अनुभवनहीन टीम के हाथ में है। कोतवाल, एसएसआई, थानाध्यक्ष तक की संजीदगी से आला अफसर बखूबी वाकिफ हैं। ऐसा भी नहीं है कि योग्य इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर जिले में नहीं है। इसके बावजूद कई जगहों पर अनुभवहीन पुलिसकर्मियों को कमान देने से भी आए दिन लॉ एंड आर्डर की समस्या पैदा हो रही है।—————————————-
“3 मुकदमें दर्ज, 14 उपद्रवी गिरफ्तार…….
हरिद्वार: बवाल मामले में पुलिस ने 3 अलग-अलग मुकदमे दर्ज करते हुए 14 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों मुकदमों में 56 नामजद और सैकड़ों अज्ञात आरोपी शामिल हैं। खड़ी ट्रॉली से टकराकर दुर्घटना में युवक की मौत के मामले में परिजनों की तहरीर पर धारा 304 आईपीसी का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला/पथराव के संबंध में कोतवाली रुड़की में SI कर्मवीर की तहरीर पर धारा 147, 148, 341, 353, 392, 511 भा.द.वि. 14 नामजद किया है। एसएसआई दीप कुमार की तहरीर पर धारा 147, 148, 149, 307, 332, 333, 353, 427, 436, 504, 506 भादवी नामजद 13 व एसआई बारु सिंह चौहान की तहरीर पर धारा 147, 148, 149, 307, 332, 333, 353 भादवी में 29 नामजद, दर्ज कराए गए हैं। इनमें सैकड़ों अज्ञात हैं, तथ्यों के आधार पर उनकी तलाश जारी है। अलग-अलग मुकदमों में कार्यवाही करते हुए अभी तक 14 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि शांति भंग में 19 के विरुद्ध 151 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही की गई।

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