अपराधहरिद्वार

मुस्लिम फंड का नाम बदलने में छिपा है करोड़ों रुपये डूबने का राज़.!

20 साल से मुस्लिम इमदादी फंड के नाम से संचालित हो रही थी संस्था, "मोटे काम" के लिए बदला नाम, अब तक की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर के मुस्लिम फंड में करोड़ों रुपये डूबने से शहर के हजारों मेहनतकश परिवारों की उम्मीदें और आने वाले कल के सपने एक झटके में बिखर कर रह गए। पुलिस ने चंद घंटे के भीतर न सिर्फ मुस्लिम फंड में संचालित साढ़े 13 हजार खातों और रकम का ब्यौरा जुटाया, बल्कि आरोपी व संस्था के खातों की डिटेल भी निकाली है।

फाइल फोटो: मुस्लिम फंड में जांच करती पुलिस

पड़ताल और पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हैं। पता चला है कि यह सब अचानक नहीं हुआ। पुलिस को जानकारी मिली है कि हाफ़िज़ अब्दुल रज्जाक ने रहस्यमीय तरीके से संस्था का नाम बदलकर दो साल पहले ही खाताधारकों की बरबादी की कहानी लिख दी थी।

फाइल फोटो

सूत्र बताते हैं कि संस्था का नाम बदलने में ही करोड़ों रुपये डूबने का राज छिपा है। खेल के पीछे काले धन को सफेद करने और गाढ़ी कमाई का कहां इस्तेमाल हुआ है, इसकी छानबीन के निर्देश भी एसएसपी अजय सिंह ने दे दिए हैं।
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फाइल फोटो

1997 से चल रही थी संस्था…
ज्वालापुर में घर-घर जाकर 10-20 रुपये इकट्ठा करने वाली संस्था का संचालन साल 1997 से मुस्लिम इमदादी सोसायटी के नाम से चला आ रहा था। इतने लंबे समय से साफ-सुथरा लेनदेन होने के चलते लोग मुस्लिम फंड पर आंख बंदकर भरोसा करते थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्याज रहित लेनदेन होने के बावजूद मुस्लिमों के साथ ही अन्य लोग भी अपनी रकम पूरे विश्वास के साथ जमा कराते थे। खाताधारकों को यहां अपनी रकम बैंक से ज्यादा सुरक्षित महसूस होती थी। खाताधारकों को चंद रोज पहले तक भी यह मालूम नहीं था कि उन्हें इस विश्वास की बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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फाइल फोटो

सवाल: कबीर म्यूच्यूअल क्यों बना मुस्लिम फंड….
बहरहाल, पुलिस की जांच में सामने आए तथ्य और सूत्रों की जानकारी पर गौर करें तो पता चलता है कि दो साल पहले अब्दुल रज्जाक ने मुस्लिम इमदादी फंड का नाम बदलकर अचानक कबीर म्यूचुअल बैनेफिट निधि लिमिटेड रख दिया था। इसके पीछे लालच और साजिश का गठजोड़ सामने आया है। ऐसा बताया गया है कि उत्तर प्रदेश से अब्दुल रज्जाक को बहुत बड़ी रकम खातों में डालने का आफर मिला था। जिसमें रज्जाक को बैठे-बैठे करोड़ों की कमाई लालच दिया गया। इसके लिए संस्था का नाम बदलने और जमानत के तौर पर खातों में बड़ी रकम जमा कराने के लिए कहा गया। सूत्र बताते हैं कि रज्जाक ने खाताधारकों की रकम के अलावा कई परिचितों से मोटा उधार लेकर चुपचाप जमा करा दिया। रज्जाक के करीबी दावा कर रहे हैं कि वह खुद बड़ी जालसाजी का शिकार हुआ है, ऐसी जानकारी पुलिस को भी मिली है। वहीं, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस गाढ़ी कमाई का कहां इस्तेमाल हुआ है, इसका पता भी लगाया जा रहा है।
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फाइल फोटो

“खरीद-फरोख्त रोकने को डीएम को भेजी चिट्ठी…..
हरिद्वार: पुलिस की शुरूआती छानबीन में करीब 13.5 हजार खाते मुस्लिम फंड में संचालित होने की जानकारी मिली है। पुलिस ने संडे की छुट्टी के बावजूद अब्दुल रज्जाक व मुस्लिम फंड के दोनों बैंक खाते फ्रीज करा दिए। इनमें एक खाते में करीब 70 लाख और दूसरे में डेढ़ करोड़ रुपये होने की जानकारी मिली है। लेकिन दोनों खातों पर लोन भी लिया हुआ है। आरोपित की संपत्ति की कोई खरीद-फरोख्त न हो सके, इसके लिए जिलाधिकारी को भी पुलिस ने चिट्ठी भेजी है। उसकी चल-अचल संपत्ति की जांच भी पुलिस कर रही है। इसके अलावा इस रकम से कहीं फंडिंग तो नहीं की गई, यदि फंडिंग हुई है तो कहां हुई है, इस एंगल पर भी पुलिस छानबीन कर रही है।
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फाइल फोटो: अजय सिंह (एसएसपी हरिद्वार)

एसएसपी ने आमजन से भी की अपील……..
कई एंगल पर पूरी गहनता से जांच कराई जा रही है। संस्था ने कहां कहां फंडिंग की है, इस पर भी फोकस किया गया है। आमजन भी धैर्य बनाए रखे और पुलिस जांच में सहयोग करें। आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। आमजन से यह भी अपील है कि अपना पैसा निवेश करने से पहले पूरी जानकारी जुटा लें, उन्हें कोई धोखा तो नहीं दे रहा है। “अजय सिंह, एसएसपी हरिद्वार..

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