देश-विदेश

जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन का दो दिवसीय चिंतन शिविर सम्पन्न..

किसानों की पीड़ा, सनातन की शक्ति और शरणार्थियों के अधिकारों पर हुआ मंथन..

पंच👊नामा-ब्यूरो, नई दिल्ली: “जय जवान जय किसान लोकशक्ति संगठन” द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का समापन राष्ट्रगान और हवन के साथ किया गया। यह शिविर किसानों, सनातन संस्कृति और पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की समस्याओं पर केंद्रित रहा। शिविर में देशभर से आए संत, समाजसेवी, किसान प्रतिनिधि, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के नेताओं ने भाग लिया।शिविर में प्रमुख रूप से विश्व सनातन महापीठ के निर्माण में किसानों की सहभागिता, पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिक अधिकार दिलाने, और किसानों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति पर मंथन किया गया। इस अवसर पर पीपीएन अवार्ड योजना के अंतर्गत विशिष्ट समाजसेवियों को सम्मानित भी किया गया।“जो सनातन को बचाएगा, वही भारत को बचाएगा” – बाबा हठयोगी…..
अपने प्रेरक उद्बोधन में बाबा हठयोगी जी महाराज ने कहा, “आज भारत एक गहरे धर्म संकट के दौर से गुजर रहा है। धर्मांतरण, नशा, और किसानों की उपेक्षा से समाज की जड़ें कमजोर हो रही हैं। ऐसे समय में किसान, संत और सनातन को जोड़कर एक जनचेतना अभियान खड़ा करना ही भारत को बचाने का रास्ता है।” उन्होंने सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त शरणार्थी परिवारों को शीघ्र भूमि आवंटन की मांग करते हुए कहा कि तीर्थ सेवा न्यास उनके पुनर्वास में पूरा सहयोग करेगा।“यह राष्ट्र और धर्म की रक्षा का यज्ञ है” – तीर्थाचार्य राम विशाल दास….
तीर्थाचार्य राम विशाल दास जी महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा, “यह चिंतन शिविर कोई राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि यह राष्ट्र और धर्म की रक्षा का एक यज्ञ है। दिल्ली में जिन शरणार्थी परिवारों को तीर्थ सेवा न्यास ने आश्रय दिया है, अब उनके लिए सरकार को ठोस पुनर्वास नीति लागू करनी चाहिए। “उन्होंने कहा कि “विश्व सनातन महापीठ की स्थापना केवल ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है।“अब यह आंदोलन गांव-गांव पहुंचेगा” – चंद्रभान चौहान….
चंद्रभान चौहान जी ने कहा, “‘जय जवान जय किसान’ का नारा अब जनांदोलन का रूप लेगा। किसानों की फसल, परिवार और भविष्य तीनों संकट में हैं। ऐसे में हमारा संगठन उनके हर संकट में सहभागी बनेगा और समाधान के लिए संघर्ष करेगा।”“किसान, सैनिक और संत – यही भारत की मूल शक्ति” – चेतन शर्मा….
चेतन शर्मा जी (अध्यक्ष, अभिनव भारत पार्टी) ने कहा कि अब भाषणों का समय नहीं, गांव-गांव जाकर जनजागरण करने का वक्त है। उन्होंने कहा कि किसान, सैनिक और संत यदि सशक्त हो जाएं, तो कोई भी विदेशी या आतंरिक शक्ति भारत को कमजोर नहीं कर सकती।“शरणार्थियों की स्थिति दयनीय, जमीन का हक मिलना जरूरी” – ए. के. सोलंकी…..
ए. के. सोलंकी जी ने शरणार्थी हिंदू परिवारों की दुर्दशा की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि आज भी दिल्ली के कैंपों में रहने वाले इन नागरिकता प्राप्त परिवारों को न रोजगार मिल रहा है, न सरकारी योजनाओं का लाभ। उन्होंने सरकार से मांग की कि लैंडलेस कानून या 20 सूत्रीय कार्यक्रम की तर्ज पर इन्हें जमीन आवंटित की जाए।कार्यक्रम का समापन…..
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और हवन के साथ किया गया। सभी प्रतिभागियों को विश्व सनातन महापीठ अभियान से जोड़ने हेतु संकल्प पत्र भी वितरित किए गए। अगला चिंतन शिविर जल्द आयोजित किए जाने की घोषणा भी इस अवसर पर की गई। इस ऐतिहासिक शिविर में महंत ओमदास, महंत हितेश दास, राजबीर तोमर, नितेंद्र शर्मा, दिनेश बाली, गीतांजलि समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। चिंतन शिविर ने स्पष्ट संकेत दिया कि किसान, संत और सनातन धर्म से जुड़ा यह आंदोलन अब एक सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का रूप लेने जा रहा है।

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