अपराधराजनीतिहरिद्वार

सुरेश राठौर दुष्कर्म मामले पर मचा बवंडर, अब उठी सीबीआई जांच की मांग..

अधिवक्ता ने शासन और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा पत्र,, महिला के बयानों से पलटने पर भी सवाल..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर पर दुष्कर्म के आरोपों की दोबारा जांच का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक हल्कों के अलावा अब न्याय क्षेत्र से भी इस केस को लेकर आवाज उठी है। दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के अपने आरोपों से पलटने को लेकर अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने सवाल उठाए हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की गई है। इसके लिए उत्तराखंड शासन को चिट्ठी भेजने के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी एक पत्र भेजा गया है।
पत्र में अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने कहा कि विधायक सुरेश राठौर की ओर से ज्वालापुर कोतवाली में ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने पहले महिला को जेल भेजा। फिर कोर्ट के आदेश पर महिला की शिकायत पर विधायक राठौर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया। महिला ने 161 सीआरपीसी के तहत पुलिस को दिए गए बयानों और धारा 164 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में दर्ज कराए गए बयान में एफआईआर में लगाए गस आरोपों को ही सही ठहराया। अधिवक्ता का कहना है कि ज्वालापुर के मुकदमे के दबाव होने के कारण व राजनैतिक दबाव होने के कारण महिला ने अपना मुकदमा खत्म करने के लिए विवेचनाधिकारी और एसएसपी को शपथ पत्र भेजा। जिसके आधार पर विवेचनाधिकारी ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। लेकिन कोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता अरुण भदौरिया का कहना है कि इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट हो गया है कि महिला ने अपने महिला होने का नाजायज फायदा और आज कल यौन शोषण का झूठा आरोप लगाना और बाद में उन आरोपो से इनकार करना और कुछ लाभ कमाना रह गया है के आधार पर शपथ पत्र आईओ को दिया। फिर उसी शपथ पत्र को गलत बता कर अन्तिम रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल की। आरोप लगाया कि विधायक की ओर से बैलकमेल के नाम पर मुकदमा दर्ज दबाव देकर कराना व पुलिस पर महिला को जेल भिजवाना जो कि सत्तारूढ़ पार्टी के होने व राजनैतिक हस्तक्षेप का होना स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इन दोनों में कौन सही है व कौन गलत है, इनके इन कृत्यों के कारण समाज में महिलाओं की व राजनेताओं की छवि खराब होती जा रही है। इसलिए इन दोनों मुकदमों के प्रकरण में गहराई से और स्पष्टता के लिए सी0बी0आई0 सी जांच कराई जानी अति आवश्यक है। जिससे महिलाओ से सम्बंधित झूठे या सच्चे मुकदमो की सचाई सामने आ सके और दोनों पक्षों में किसके द्वारा दबाव दिया गया था दिलवाया गया यह भी स्पष्टता सामने आ सके।

वहीं, इस मामले में विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूँ। महिला पहले ही दुष्कर्म का मामला वापस ले चुकी है। मुझे अपना गुरु मानकर माफ़ी मांग चुकी है। महिला पर दबाव नही बनाया है। मैं फिलहाल भी जनता की अदालत में हूँ। जनता अपना फैसला देंगी। विपक्षी हताश और निराश है। क्योकि ज्वालापुर की जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है।
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