
पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: चारधाम यात्रा सीजन के बीच हरिद्वार में ऋषिकेश डिपो की एक रोडवेज बस पहाड़ से नीचे खाई में जा गिरी। हरिद्वार से निकलते ही चंडीघाट पुलिस चौकी के समीप हुआ। बस में उत्तराखंड से नेपाल जा रहे परिवार सवार थे। बस के परिचालक और एक डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गई। जबकि, कई लोग घायल हो गए। इनमें चार को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया है।
हादसे की खबर पर पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और अधिकारी मौके पर दौड़ पड़े। बस में कुल 33 यात्री सवार बताए जाते हैं।
पुलिस के मुताबिक ऋषिकेश डिपो की एक बस सवारियां लेकर रुपैडिया जा रही थी। हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर चंडी पुलिस चौकी के नजदीक चालक नियंत्रण खो बैठा और बस नीचे खाई में जा गिरी। जिससे चीख-पुकार मच गई।
सूचना पर श्यामपुर थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल व चंडी घाट चौकी प्रभारी अंशुल अग्रवाल आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और पुलिस बल व राहगीरों के साथ मिलकर घायलों को बस से निकालने के प्रयास में जुट गए।
चंद मिनट में एसडीआरएफ व अन्य विभागों की टीमें भी मौके पर पहुंच गई। घायलों को पहले जिला अस्पताल भिजवाया गया। यहां से चार की गंभीर हालत देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा और सीओ सिटी जूही मनराल ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। अभी तक की अपडेट के मुताबिक हादसे में एक डेढ़ साल की बच्ची और परिचालक की मौत हुई है।
हायर सेंटर रेफर किए गए कुछ घायल यात्रियों की हालत भी नाजुक बताई जा रही है। हादसा क्यों हुआ, इसके कारणों की पड़ताल अभी चल रही है। बस में सवार सभी लोग नेपाल के अलग-अलग जिलों के निवासी बताए जा रहे हैं। पुलिस ने मृतक और घायलों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी है।
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“भेल में चौराहे से भिड़ी तेज़ रफ्तार बोलेरो……..
सचिन चौधरी, हरिद्वार: भेल मध्य मार्ग पर एक बार फिर एक तेज रफ्तार गाड़ी विशालकाय चौराहे से टकरा गई। हादसा इस बार भी मानव संसाधन विकास केंद्र के बाहर स्थित चौराहे पर हुआ। गनीमत रहेगी किसी की जान नहीं गई। अलबत्ता, चौराहा क्षतिग्रस्त हो गया और बोलेरो का आगे का हिस्सा भी पूरी तरह नष्ट हो गया है। हादसे के बाद चौराहे पर भीड़ जमा हो गई। गौरतलब है कि भेल के विशालकाय चौराहों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। दरअसल जिस दौरान यह विशालकाय चौराहे बनाए गए थे। तब यातायात उतरा नहीं था। वर्तमान में ट्रैफिक 10 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है। लेकिन चौराहे उसी आकार में बने हुए हैं।
जो आए दिन हादसों का सबब बन रहे हैं। कई राहगीर अकाल मौत का शिकार भी इन चौराहों के कारण हो चुके हैं। बार-बार चौराहे क्षतिग्रस्त होने पर भीड़ प्रबंधन मरम्मत में हर साल लाखों रुपए खर्च करता है।
लेकिन इस समस्या का ठोस समाधान निकालने की कोई जहमत उठाने को तैयार नहीं है।