अपराधहरिद्वार

भैरव सेना अध्यक्ष के खिलाफ एक हफ्ते में ब्लैकमेलिंग और वसूली का तीसरा मुकदमा दर्ज..

एचआरडीए से नक्शा पास होने के बावजूद निर्माण सील कराने की धमकी देकर मांगी रकम, नेताओं, समाजसेवियों से आरोपियों के मधुर संबंध, (देखें फोटो)

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: शहर में निर्माणाधीन भवनों के मालिकों को ब्लैकमेल कर रकम मांगने वालों के बुरे दिन चल रहे हैं। भैरव सेना अध्यक्ष मोहित चौहान के खिलाफ एक हफ्ते के भीतर ब्लैकमेलिंग और वसूली के आरोप में तीसरा मुकदमा दर्ज हुआ है। ताजा मामला फिर ज्वालापुर क्षेत्र का है।

फाइल फोटो

आरोप है कि भवन का नक्शा पास होने के बावजूद एचआरडीए से कार्रवाई करने का डर दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए रकम की मांग की गई। पुलिस ने आरोपी मोहित चौहान और उसके साथी हिमांशु राजपूत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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पुलिस के मुताबिक, ज्वालापुर कटहरा बाजार निवासी संजय गोयल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि आर्यनगर क्षेत्र में आरके एनक्लेव के निकट उनकी एक संपत्ति है। जिसका नक्शा HRDA से पास है।

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कंपाउंडिंग की प्रक्रिया भी चल रही है। आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले 2-3 व्यक्ति उनके पास आए और भवन HRDA से सील कराने के लिए कहने लगे। बदले में पैसे की भी डिमांड करने लगे। इस बारे में मना करने पर आरोपियों ने गाली गलौच करते हुए अभद्रता की ओर संपत्ति सील कराने की धमकी दी।

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आरोपियों के नाम मोहित चौहान और हिमांशु राजपूत बताए गए। दोनों ने खुद को भैरव सेवा का पदाधिकारी बताया। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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आरोपियों के खिलाफ एक मुकदमा पहले से ज्वालापुर और दूसरा कनखल थाने में दर्ज है। इस मामले में जल्द ही कार्रवाई की तैयारी है।
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नेताओं व समाजसेवियों से आरोपियों के मधुर संबंध…….

फाइल फोटो

ब्लैकमेलिंग और वसूली के मामलों में लगातार नामजद हो रहे आरोपियों के शहर के प्रमुख नेताओं और समाजसेवियों से मधुर संबंध हैं। फेसबुक पर तस्वीरों के रूप में इसके प्रमाण भी मौजूद हैं। तीन मुकदमे दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी न होने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

फाइल फोटो

इसको लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं के साथ कई व्हाट्सएप ग्रुप में बहस भी चल रही है। जिसमें आरोपियों के नेताओं समाजसेवियों और अधिकारियों के साथ फोटो भी वायरल हो रहे हैं।

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दूसरी तरफ भैरव सेना संगठन के जिला प्रमुख चरणजीत पाहवा भी आरोपियों की कुंडली उजागर कर चुके हैं। हाल ही में मीडिया को जारी बयान में पाहवा ने बताया कि आरोपी पहले उनके संगठन से जुड़े थे।

फाइल फोटो

लेकिन गरीब लड़कियों की शादी सहित अन्य वाहनों से रसीद छपवाकर रुपए इकट्ठे करने की बात सामने आने पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से आरोपियों को अपने संगठन से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद आरोपियों ने भगवा सेवा संगठन से मिलते जुलते नाम का इस्तेमाल करते हुए भैरव सेवा समिति बनाई थी। पाहवा ने यह स्पष्ट किया था कि उनके संगठन का आरोपियों से कोई लेना देना नहीं है।

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