इंसानियत के लिए वरदान उत्तराखंड पुलिस का ये जवान, 75 बार कर चुका रक्तदान, शतक पूरा करने का अरमान..
हरिद्वार में 18 साल पहले गर्भवती महिला को ख़ून देकर "जीवन रक्षा यज्ञ में डाली थी पहली आहूति, पूरा महकमा करता है अभिमान..
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है… इस सदाबहार गीत की लाइने उत्तराखंड पुलिस के जवान कैलाश राम पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं। भगवान शिव के धाम कैलाश और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम को साकार कर रहे कैलाश राम अभी तक 75 बार रक्तदान कर कई जरूरतमंदों की जान बचा चुके हैं। चंपावत में तैनात कैलाश राम गौतम को रक्तदान का जुनून है। वह हर तीसरे महीने में रक्तदान करते हैं और अभी तक 75 बार रक्तदान करने के बाद उनका लक्ष्य रक्तदान में शतक पूरा करना है। कैलाश के इस नेक कार्य का पुलिस महकमे से लेकर आमजन तक सम्मान करते हैं। “पंच👊🏻नामा… परिवार उत्तराखंड पुलिस के जवान कैलाश गौतम को सलाम करता है।
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18 साल पहले हरिद्वार से की थी रक्तदान की शुरुआत……
कैलाश राम गौतम मूल रूप से उधमसिंहनगर जिले में रुद्रपुर के गांव भगवानपुर के निवासी हैं। साल 2002 में वह उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बने और फिलहाल चंपावत जिले में तैनात हैं। “पंच👊नामा… से ख़ास बातचीत में उन्होंने बताया कि हरिद्वार रुड़की में तैनाती के दौरान वर्ष 2004 में सबसे पहले रक्तदान किया था। तब एक गर्भवती महिला को रक्त की जरूरत थी। इसके बाद एक बच्चे को रक्त दिया। उनके रक्तदान से जब बच्चा ठीक हो गया तो उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्हें लगा वह किसी के काम आ सके। इसके बाद उन्होंने प्रण किया कि वह नियमित रूप से रक्तदान करेंगे। तबसे अब तक वह लगातार रक्तदान कर रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह पर हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करते हैं।
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रक्तदान से स्वस्थ रहते हैं कैलाश….
कैलाश राम गौतम का कहना है कि वह जब भी रक्तदान करते हैं तो उन्हें एक अलग ही खुशी महसूस होती है। बताया कि रक्तदान के कारण ही वह स्वस्थ रहते हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने रक्तदान किया था। वह अपने सभी परिचितों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं।
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डीजीपी थपथपा चुके पीठ….
कैलाश राम जैसा नेक कार्य करने वाले जवान को पाकर पुलिस महकमा भी खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। “खाकी में इंसान” की धारणा को अहमियत देने वाले डीजीपी अशोक कुमार ने भी उनकी प्रशंसा करते हुए बाकायदा फेसबुक पेज पर इसका उल्लेख किया था। इनके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया जा चुका है। बक़ौल कैलाश, “मेरा लक्ष्य है कि मैं कम से कम 100 बार रक्तदान करूं मुझे रक्तदान करते हुए बहुत ही खुशी होती है कि मैं और मेरा रक्त किसी जरूरतमंद व्यक्ति के काम आ रहा है। मैं चाहता हूं कि हर व्यक्ति जो स्वस्थ है उसे रक्तदान करना चाहिए। जिससे किसी भी व्यक्ति की मौत रक्त की कमी से ना हो।