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हरिद्वार से तीन भाजपा विधायक कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में…!!

एक विधायक को घर वापसी के लिए मिला है लोकसभा का आश्वासन..

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: छीछालेदर करा चुके एक विधायक जीत के लिए कर सकते हैं कांग्रेस का रुख….
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की बेटे सहित घर वापसी के बाद हरिद्वार जिले के कुछ विधायकों को लेकर भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि हरिद्वार जिले से तीन भाजपा विधायक कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में हैं। किसी भी दिन उन्हें हरी झंडी मिल सकती है। इनमें एक विधायक की पत्नी को विधानसभा टिकट का भरोसा कांग्रेस हाईकमान दे चुके हैं। सूत्र यहां तक बताते हैं कि विधायक को लोकसभा लडवाने का मजबूत आश्वासन भी दिया गया है।
साल 2015 में हरीश रावत सरकार के दौरान हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काउ, सुबोध उनियाल, कुंवर प्रणव सिंह, सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत, शैलेन्द्र सिंघल, विजय बहुगुणा, शैला रानी रावत और प्रदीप बत्रा टूट कर विरोधी खेमे में मिल गए थे। 2017 के चुनाव में इनमें से कई नेताओं ने चुनाव लड़ा और अधिकांश ने जीत दर्ज कराई। डॉ हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य कैबिनेट मंत्री भी बने। बावजूद इसके भाजपा में ज्यादातर बागी नेताओं की दाल नहीं गल सकी। जिस कारण उनके वापस कांग्रेस में आने की चर्चाएं गाहे-बगाहे होती रही हैं। सोमवार को कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में घर वापसी कर इन अटकलों को सही ठहरा दिया है। इसके साथ ही अब यह चर्चा भी जोर पकड़ गई है कि आने वाले दिनों में कई विधायक, मंत्री और नेता कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। इनमें तीन विधायक हरिद्वार जिले से बताए जा रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्र दावा कर रहे हैं कि तीनों विधायकों की कई दौर की मीटिंग भी हाईकमान से हो चुकी है। एक विधायक से बाकायदा आने वाले विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक का प्लान तैयार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विधायक की पत्नी को टिकट देने का भरोसा दिया है। जबकि 2024 में इन दबंग विधायक को लोकसभा चुनाव लगवाने का वादा पार्टी हाईकमान ने किया है। जबकि एक दूसरे विधायक को भाजपा में अपना टिकट कटता नजर आ रहा है। क्योंकि जनता में भले ही उनकी लोकप्रियता बरकरार है मगर भाजपा और संघ में एक दावेदार के मुकाबले उनकी पकड़ कमजोर है इसलिए यह विधायक भी कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। ऐसा होता है तो कांग्रेस के दो बड़े दावेदारों को झटका लगना तय है। अब बात करते हैं तीसरे विधायक की। जनता में अच्छी खासी छीछालेदर कराने के बाद ये विधायक अपनी हार बचाने के लिए कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। फिलहाल यह सारी चर्चाएं जनपद के राजनीतिक हलकों में जोरों पर चल रही हैं। देखना यह होगा कि अक्टूबर का यह महीना कांग्रेस और भाजपा में सेंधमारी को लेकर किसके लिए 21 और किसके लिए उन्नीस साबित होता है।

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