पंच👊नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: भू माफिया यशपाल तोमर पर चौतरफा शिकंजा कसने के बाद ना सिर्फ उसके काले कारनामों का चिट्ठा निकलकर सामने आ रहा है, बल्कि उसके मददगारों के चेहरे भी लगातार बेनकाब हो रहे हैं। नोएडा में यशपाल तोमर की गिरफ्तारी से ऐन पहले उत्तराखंड के एक चर्चित रिटायर्ड नौकरशाह की मौजूदगी ने यह साफ हो गया था कि भ्रष्टाचार के तालाब में यशपाल ने कई बड़े मगरमच्छ पाले हुए हैं। लेकिन इतने कम समय में उत्तराखंड के नामचीन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की भूमिका खुलकर सामने आ जाएगी, यह किसी ने नहीं सोचा था। नोएडा उर्फ गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने में हुई एफआईआर में भू माफिया यशपाल तोमर के साथ उत्तराखंड के 2 आईएएस और 1 आईपीएस के “मां-बाप की नामजदगी ने यशपाल की करतूतों के कई स्याह पन्ने पलटकर रख दिए हैं। विवादित जमीनों के दस्तावेजों में आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के मां-बाप के नाम सामने आने से यह स्पष्ट हो गया है कि यशपाल तोमर ने अधिकारियों को ऑब्लाइज करते हुए उनके परिजनों के नाम करोड़ों की जमीन की थी।
दो नंबर की कमाई का उसूल भी यही कहता है, इसलिए कोई भी भ्र्ष्ट अफसर, मंत्री या नेता ऐसी संपत्ति खुद के नाम कराने के बजाय अपने रिश्तेदारों के नाम आगे करता है। इस खेल में भी ऐसा ही हुआ लेकिन सवाल यह है कि भू माफिया यशपाल तोमर ने इन अधिकारियों को आखिर किस काम का है इनाम दिया है। अतीत के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि तीनों ही अधिकारी हरिद्वार जिले के डीएम और एसएसपी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान ही यशपाल तोमर ने इन नौकरशाहों के परिवारजनों के लिए जमीनों की खरीद फरोख्त का काम किया। ग्रेटर नोएडा में पट्टों को औने पौने दाम पर नौकरशाहों के परिवारजनों को बेचा गया।
उत्तराखंड में भूमाफिया यशपाल तोमर का सबसे बड़ा साम्राज्य भी हरिद्वार में ही रहा है। बताया जाता है कि इन अधिकारियों ने अपने अपने समय में भूमाफिया यशपाल तोमर की दोनों हाथों से मदद की है। इत्तेफाक की बात यह है कि उत्तराखंड एसटीएफ ने ज्वालापुर की चर्चित और विवादित 56 बीघा जमीन के मामले में ही यशपाल तोमर को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसते हुए कई बड़े फैसले ले चुके हैं। यह कार्रवाई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ उसी मिशन का एक हिस्सा है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में यशपाल तोमर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई और जनपदों में इसी तरह “एफआईआर होंगी। जिनमें कई आला अधिकारियों के अलावा मंत्रियों और नेताओं के रिश्तेदारों की नामजद की भी होनी तय है।
गौतमबुद्धनगर में अधिकारियों के “मां-बाप की नामजदगी की से पूरे उत्तराखंड की नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए भी कई अफसर नेताओं की नींद उड़ चुकी है। ऐसे में अहम सवाल यह है कि क्या उत्तराखंड के भ्रष्ट अफसर या नेता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिकंजे से बच पाएंगे दादरी में एफआईआर, देहरादून में हड़कंप……
नोएडा के दादरी थाने में एफआईआर हुई है, लेकिन उसका सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देखने को मिला। कई अधिकारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ रही। उनके करीबियों के भी होश फाख्ता रहे। उत्तराखंड के दो वरिष्ठ आईएएस और एक आईपीएस अफसर के सगे संबंधियों के खिलाफ विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर दर्ज हुए मुकदमे में मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर है। इन तीनों वरिष्ठ अफसरों में से एक तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिवालय में तैनात है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री धामी को इस मामले से अपडेट कर दिया गया है
अनुसूचित जाति की जमीनों से जुड़ा है मामला….
यह मामला अनुसूचित जाति की जमीनों की अवैध खरीद से जुड़ा है और गैंगस्टर यशपाल तोमर पर सीधी कार्रवाई की जानी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को अवगत करवाने के बाद मामले में रविवार को एक नई एफआईआर दर्ज हुई है। इस एफआईआर में यशपाल तोमर के चिटहेरा गांव भू घोटाले में अब इन सभी को सहयोगी बना दिया है। त्रिदेव पिता का नाम पिताम्बर, कर्मवीर पिता का नाम प्यारे लाल, बैलु पिता का नाम राम स्वरूप, कृष्ण पाल पिता का नाम छोटे, एम भास्करन पिता का नाम मनी अय्यम पिल्लई, केएम संत ऊर्फ खचरेमल पिता का रेवती प्रसाद, गिरीश वर्मा पिता का नाम राम प्रसाद वर्मा और सरस्वती देवी पति राम स्वरूप राम।
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करीबियों की खंगाली जा रही कुंडली, मिलने जुलने वालों पर भी नजर……
हरिद्वार: मेरठ से लेकर गुरुग्राम और नोएडा तक यशपाल के पुराने कारनामे सामने आने के बाद यशपाल से हरिद्वार जेल में मिलने वालों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। वहीं, एसटीएफ अब हरिद्वार व उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में मौजूद उसके करीबियों की कुंडली खंगालने में जुटी है।
ज्वालापुर की चर्चित 56 बीघा जमीन पर कई भू-माफिया और सफेदपोश प्रॉपर्टी डीलरों की नजर रही है। ताजा घटनाक्रम सामने आने के बाद एक बार फिर उत्तराखंड एसटीएफ और पुलिस सतर्क हो गई है। हरिद्वार जेल में यशपाल तोमर से मिलने-जुलने वालों पर पहले ही पैनी नजर रखी जा रही थी। अब उसके करीबियों और मददगारों की कुंडली खंगालने का काम तेज कर दिया गया है।
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