अपराधहरिद्वार

दो सगे भाइयों समेत तीन किशोर ईंट भट्ठे के तालाब में डूबे, मौत से कोहराम..

ईट भट्टे के लिए खोदी गई जमीन पर बने तालाब में गई जान,, लगातार तीन दिन में तीन हादसे, छह भाइयों की मौत..

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पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: पहले सराय गांव से बारात में यमुनानगर गए दो भाइयों की सड़क हादसे में मौत, फिर हरिद्वार में गंग नहर में दो सगे भाई डूबकर लापता और तीसरे दिन लक्सर क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में तालाब में डूबकर दो भाइयों समेत तीन किशोरों की मौत हो गई। तीनों किशोर दोपहर के समय नहाने तालाब पर गए थे। शाम तक जब वह घर नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी तलाश की। रात में तीनों बच्चों के शव तालाब से बरामद होने से परिवारों में कोहराम मच गया।पुलिस के मुताबिक, गांव निवासी तस्लीम के दो बेटे रिहान 15 वर्ष व अनस 14 वर्ष और जमशेद का बेटा रिहान 14 वर्ष निवासी मोहल्ला ढाब सुल्तानपुर बुधवार दोपहर के समय नहाने के लिए तालाब पर गए थे। उसके बाद वह वापस नहीं लौटे। देर शाम परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। इस बीच किसी ग्रामीण ने सूचना दी कि तालाब में किशोरों के शव पड़े हुए हैं। सूचना पर स्वजन और ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे तो तालाब में तीनों किशोरों के शव देखकर चीख पुकार मच गई। गमगीन माहौल के बीच रात में ही उनके शवों को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। दरअसल गांव में ईंटें बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई की गई थी। उसी से यह तालाब बना है। चिकनी मिट्टी होने के कारण तीनों किशोर बाहर नहीं निकल पाए और डूब कर उनकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। लक्सर कोतवाली प्रभारी यशपाल सिंह बिष्ट ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि तीनों किशोरों की डूबने से मौत हुई है।

गंग नहर में डूबे दोनों भाइयों को तलाशते जल पुलिस के गोताखोर और स्थानीय युवक

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जिले को लगी किसकी नज़र, परिजन सदमे में, लोग गमजदा…
जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के निवासी 3 दिन में 6 भाइयों सहित 7 नौजवानों की मौत पर उनके परिजन जबरदस्त सदमे में है। जबकि आम लोग भी इन खबरों से बेहद गमजदा हैं। मंगलवार को गंगनहर में डूबे दोनों भाइयों का बुधवार रात तक भी कुछ पता नहीं चल पाया था। गुरुवार को फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। सराय गांव से बारात में गए दोनों भाइयों की मौत पूरे परिवार के लिए जीवन भर का गम दे गई। इन सभी परिवारों में बच्चों के मां-बाप और रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल है। आम लोग यह सोच रहे हैं कि आखिर किसकी नजर लगी कि हर रोज हादसे में कम उम्र के लड़कों की मौत हो रही है। जबकि, इन दिनों लोग नवरात्र और रमजान में ईश्वर अल्लाह और भगवान से सुख-चैन और शांति की प्रार्थनाएं कर रहे हैं।

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