राजनीतिहरिद्वार

कार्यकाल समाप्ति की ओर, चार साल में भी चेयरमैन नहीं बना पाई सरकार..

उज्जवल पंडित सहित कई नाम उछले, पर निष्ठावान कार्यकर्ता को नहीं मिला सम्मान,, संगठन और विधायक मिलकर भी नहीं बना पाए सहमति, इसलिए रुकी ताजपोशी..

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पंच👊नामा
बी कुमार: हरिद्वार:- सत्ताधारी पार्टी भाजपा का कार्यकाल अब गुजरने वाला है और आगामी सरकार को चुनने के लिए आचार संहिता कभी भी लग सकती है। पर जनपद की सबसे बड़ी मंडी ज्वालापुर में पार्टी के एक भी कार्यकर्ता को
भाजपा सरकार सत्ता सुख नहीं दे पाई है। जब‌कि अन्य मंडियों में दो-दो बार नामित बोर्ड बनाया जा चुका है। दो साल पहले भाजपा नेता उज्जवल पंडित का नाम चेयरमैन बनने की दौड़ में सबसे आगे रहा, पर न तो उज्जवल पंडित की ताजपोशी हुई और न किसी दूसरे कार्यकर्ता को मौका मिला। चार साल से बिना किसानों के प्रतिनिधि के ही मंडी चल रही है।


राज्य में भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने जनपद की सबसे बड़ी सब्जी मंडी ज्वालापुर में चेयरमैन बनने के सपने संजोने शुरू कर ‌दिए थे। पर तब कांग्रेस सरकार में नामित किए गए संजय चोपड़ा ने दो अगस्त को 2017 को हाईकोर्ट के आदेश पर मंडी में फिर से चेयरमैन (अध्यक्ष) के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया था। वह 18 नवंबर से 2017 तक सब्जी मंडी के अध्यक्ष बने रहे।
भाजपा सरकार ने उनका कार्यकाल पूरा होने का हवाला देते हुए उन्हें हटाकर सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ‌को मंडी का प्रशासक नियुक्त कर दिया था। उसके बाद से जो भी एसडीएम हरिद्वार का बनता है, वही मंडी में बतौर प्रशासक कार्यभार देख रहे हैं। अब वर्तमान में एसडीएम पूरण सिंह राणा मंडी में चेयरमैन के स्थान पर प्रशासन की तरफ से प्रशासक तैनात हैं। नवंबर 2017 के बाद त्रिवेंद्र के बाद तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी भी मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी सीएम ने ज्वालापुर मंडी में किसानों के रूप में प्रतिनिधि नामित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जबकि लक्सर, रुड़की और भगवानपुर में दो-दो बार कार्यकर्ताओं को नामित किया जा चुका है। मंगलौर मंडी में भी भाजपा नेता चेयरमैन के रूप में नामति हैं। पर ज्वालापुर मंडी में आज तक कार्यकर्ताओं को नामित नहीं किए जाने से कार्यकर्ताओं के हाथों मायूसी छाई हुई है। दूसरे प्रशासनिक अधिकारी के बतौर प्रशासक तो समय दे पाते हैं और न ही किसानों की कोई सुनवाई हो पाती है।


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एक राय न बनने से भी अटका है मनोनयन…..
ह‌रिद्वार: ज्वालापुर मंडी जितनी बड़ी है, उसमें उतने ही चेयरमैन बनने को लेकर दिग्गज दावेदार और सिफारिश करने वाले रहते हैं। जिससे पार्टी संगठन और जनप्रतिनिधियों में भी एक राय नहीं बन पाती है। जनप्रतिनिधि अपने और
पार्टी संगठन अपना कार्यकर्ता मंडी में फिट करना चाहते हैं। इससे जब कभी भी मंडी में चेयरमैन को नामित करने की बात चलती है तो तभी खूब जोर-आजमाइश शुरू हो जाती है। इससे हाईकमान किसी एक को बनाने के बाद विरोध के सुर उठने की आशंका को देखते हुए मंडी में चेयरमैन बनाने से हाथ पीछे खींच लेता है। इससे अभी तक मंडी का कार्यकाल यूं ही गुजर रहा है।
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पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल भी फंसा है पेंच…..
सभी मंडियों के कार्यकाल पूरे हो चुके थे, लेकिन ज्वालापुर मंडी के कार्यकाल का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। दरअसल, मंडी के अध्यक्ष रहे संजय चोपड़ा का दावा है क‌ि उनके कार्यकाल के अभी 15 महीने शेष बचे हैं। उनका
कार्यकाल पूरा होने से पहले ही प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इसलिए उन्होंने कोर्ट की शरण ले रखी है। यदि सरकार मेरा कार्यकाल पूरा कराती है तो वह याचिका वापस लेने पर विचार करेंगे। इस कारण भी मंडी के नए अध्यक्ष
पर मनोनयन का पेंच फंसा हुआ है।
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क्या बोले अफसर……..
ज्वालापुर सब्जी मंडी में अध्यक्ष की नियुक्ति अभी नहीं हुई है। जिससे एसडीएम प्रशासक के रूप में अध्यक्ष का कार्य करते हैं। शासन से कोई अध्यक्ष नामित किया जाएगा तो फिर वह कार्य देखेंगे।- दिग्विजय सिंह देव, सचिव, मंडी समिति
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क्या कहते हैं जिलाध्यक्ष……..
ज्वालापुर मंडी में चेयरमैन तैनात करने की जिम्मेदारी सरकार की है। अगर भाजपा हाईकमान की ओर से नाम मांगा जाएगा तो भेज दिया जाएगा।- डा. जयपाल सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष, हरिद्वार
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