जाह्नवी मार्केट और बस अड्डा स्थानांतरण पर व्यापारी करेंगे आर-पार, सीएम धामी को याद दिलाएंगे चुनावी वादे..
आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में व्यापारी, विरोध में तमाम होली मिलन कार्यक्रम किए रद्द, फैसला किसी कीमत पर स्वीकार नहीं..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: प्रदेश के प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जाह्नवी मार्केट और हरिद्वार बस अड्डे को स्थानांतरित किए जाने के बयान के बाद शहर के व्यापारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर शनिवार को हरकी पैड़ी क्षेत्र में जाह्नवी मार्केट के व्यापारियों और व्यापार मंडल के विभिन्न प्रतिनिधियों की एक आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताते हुए आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श किया।बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल शहर हरिद्वार के अध्यक्ष राजीव पाराशर ने व्यापारियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए घोषणा की कि 11 मार्च को प्रस्तावित भव्य होली मिलन कार्यक्रम को निरस्त किया जाता है।
यह कार्यक्रम शहर व्यापार मंडल द्वारा आयोजित किया जाना था, जिसमें हरिद्वार के सभी नवनिर्वाचित पार्षदों और नवनिर्वाचित मेयर का सम्मान किया जाना था। राजीव पाराशर ने अन्य व्यापार संगठनों से भी अपील की कि वे जाह्नवी मार्केट के व्यापारियों की चिंता को समझते हुए अपने-अपने होली मिलन कार्यक्रमों को स्थगित करें।
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व्यापारियों ने सरकार की नीति पर उठाए सवाल…..बैठक में जिला महामंत्री प्रदीप कालरा ने कहा कि हरिद्वार जिले के सभी व्यापारी इस निर्णय के विरोध में एकजुट हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जाह्नवी मार्केट और बस स्टैंड को स्थानांतरित करने की योजना के जरिए व्यापारियों की परीक्षा ले रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन अपनी मंशा में सफल हो गया, तो भविष्य में कॉरिडोर परियोजना के नाम पर पूरे हरिद्वार के व्यापार को उजाड़ने की छूट मिल जाएगी।
प्रदेश मंत्री सुरेश गुलाटी और कमल बृजवासी ने सरकार के इस निर्णय को “तानाशाही फरमान” करार देते हुए कहा कि प्रमुख सचिव द्वारा बिना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए इस तरह की घोषणा करना हरिद्वार की जनता और उनके जनप्रतिनिधियों का अपमान है। उन्होंने दोहराया कि हरिद्वार के व्यापारी किसी भी तुगलकी फरमान को लागू नहीं होने देंगे और पूरी ताकत से इसका विरोध करेंगे।
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संघर्ष समिति के गठन की घोषणा….बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही एक संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न व्यापार संगठनों और अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा। यह संघर्ष समिति जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर चुनाव से पूर्व किए गए वादों की याद दिलाएगी और व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करेगी।
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बैठक में शामिल प्रमुख व्यापारी नेता….बैठक में प्रमुख रूप से युवा व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष संदीप शर्मा, तहसील अध्यक्ष राहुल शर्मा, हरिद्वार व्यापार मंडल के शहर महामंत्री अमन शर्मा, शहर उपाध्यक्ष और वार्ड नंबर 8 के पार्षद हिमांशु गुप्ता, शहर युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष माधव बेदी, राधे लाल, जोगिंदर अरोड़ा, विनोद कुमार, सुरेश अग्रवाल, महेंद्र मूर्ति भट्ट, सर्वेश्वर मूर्ति भट्ट और गौरी शंकर अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ व्यापारी उपस्थित रहे।
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व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी….
व्यापारियों ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द ही इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। व्यापार मंडल की ओर से कहा गया कि व्यापारियों की जीविका पर हमला किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हरिद्वार के व्यापारियों ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार को कड़ा संदेश दिया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन व्यापारियों की मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा।