पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: हर मुसलमान मां-बाप का ख्वाब होता है कि उनका बच्चा हाफिज ए कुरआन बने। ज्वालापुर के दो सगे भाइयों ने महज 10 साल की उम्र में कुरआन हिफ्ज कर अपने मां-बाप का नाम रोशन किया है। दोनों भाइयों की इस कामयाबी पर उनके उस्ताद भी फख्र महसूस कर रहे हैं। आने वाले बुधवार को इन दोनों भाइयों सहित मदरसे के कुल 10 हाफिजों की दस्तारबंदी की जाएगी।
ज्वालापुर के घोसियान निवासी मुकद्दर सुनार ने अपने दोनों बेटों मुहम्मद युसुफ शेख और मोहम्मद युनुस शेख को हाफिज बनाने के लिए उनका दाखिला मदरसा हाशमिया खादिमुल उलूम में कराया था। दोनों होनहार भाइयों ने कारी नूर आलम जबरदस्तपुरी की निगरानी में महज 15 महीने में कुरआन हिफ्ज कर लिया। मदरसा के नाजिम (प्रबंधक) मौलाना इकबाल कासमी और मोहतमिम मौलाना अब्दुल वाहिद ने दोनों बच्चों की हौंसलाअफजाई कर दुआओं से नवाजते हुए कहा कि अल्लाह दोनों बच्चों को कुरआन पर अमल करने की और कुरआन की खिदमत करने की तौफीक अता फरमाए। उनके वालिदैन और रिश्तेदार जो इनके पढ़ने और पढ़ाने में मुईन बने हैं, उन सबके लिए जरिया निजात बनाए।मौलाना इकबाल कासमी ने बताया कि 23 मार्च बुधवार को रात इशा की नमाज के बाद इन दोनों भाइयों सहित कुल 10 हाफिज ए कुरआन बच्चों की दस्तारबंदी की जाएगी। जिसमें मदरसा मजाहिरुल उलूम के नायम सदर मौलाना जाफर साहब मौजूद रहेंगे। मौलाना इकबाल कासमी ने शहरवासियों से कार्यक्रम में शिरकत करने की अपील की है।