दो बहनों ने अपने पिता पर लगाया दुष्कर्म का आरोप, पांच साल जेल में रहने के बाद बेकुसूर निकला बाप..
अदालत में अपने ही बयानों में उलझी दोनों बहनें तो खोला आरोप लगाने का राज, कोर्ट ने तत्काल पिता को रिहा करने के दिए आदेश..
पंच👊नाम-ब्यूरो
देहरादून: दो सगी बहनों ने मिलकर अपने पिता पर ही दुष्कर्म का झूठा आरोप लगा दिया। पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद पिता को पांच साल जेल में गुजारने पड़े। मामला कोर्ट में पहुंचा तो दोनों बहनें अपने बयानों में उलझ गई।
विरोधाभास पाए जाने पर कोर्ट ने हर पहलू पर गौर किया। तब सामने आया कि दोनों बहनों ने अपने पिता पर इतना घिनौना आरोप क्यों लगाया था। फिलहाल कोर्ट ने उनके पिता को बेकुसूर पाते हुए तत्काल रिहा करने के आदेश दिए हैं।
जल्द ही पिता जेल से रिहा हो जाएगा, लेकिन इन पांच सालों में पिता ने गंदे आरोप लगने पर सामाजिक और मानसिक रूप से जो प्रताड़ना झेली होगी, उसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाएगी।
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क्या है मामला……
मामला देहरादून के बसंत विहार थाना क्षेत्र का है। 25 दिसंबर 2019 को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष की जांच रिपोर्ट के आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। उस वक्त दोनों बहनें नारी निकेतन केदारपुरम में रह रही थीं। जांच रिपोर्ट के अनुसार बड़ी बहन की उम्र घटना के वक्त 15-16 वर्ष थी। उसने बाल कल्याण समिति को बताया था कि उसके पिता ने 29 अक्तूबर 2019 को उससे दुष्कर्म किया था।
यह बात उसने अपनी दादी और बुआ को बताई तो उन्होंने पिता को डांट भी लगाई थी। जबकि, छोटी बहन ने भी समिति को बताया था कि पिता ने उसके साथ भी गलत हरकत की है। इस आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और पीड़िताओं के पिता को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे में 17 फरवरी 2020 को चार्जशीट अखिल कर दी गई।
लेकिन, मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। अदालत में जब बड़ी बहन के बयान हुए तो उसने घटना 29 अक्तूबर के बजाए 29 मार्च 2019 की बताई। इससे भी विरोधाभास पैदा हुआ।
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ब्वॉयफ्रेंड के कहने पर लगाए थे आरोप…..
मामले की परतें खुली तो सामने आया कि पिता ने बेटी के स्कूल बंक करने और एक लड़के से दोस्ती का विरोध किया था। उसने बॉयफ्रेंड के उकसावे में आकर अपनी ही पिता पर झूठा केस फाइल कर दिया। सुबूतों की पड़ताल और गवाहों के बयान सुनने के बाद एडिशनल जिला जज ने 42 साल के शख्स को पॉक्सो केस से रिहा कर दिया।
अदालत ने पाया कि लड़की के प्रेमी ने उसे उसके पिता को रेप का एक मनगढ़ंत मामला दर्ज करने के लिए उकसाया था। अदालत में पीड़िताओं के बयानों में विरोधाभास पाया गया। यही नहीं बचाव पक्ष यह साबित करने में सफल हो गया कि पीड़िताओं ने पिता पर ये आरोप अपने दोस्तों के कहने पर लगाए थे। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने तत्काल आरोपी पिता को जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं।