उलेमाओं ने किया समान नागरिक संहिता का विरोध, मदरसों का सर्वे कराने के लिए तैयार..
जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तराखंड की बैठक में लिए गए अहम फैसले..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मौलाना हुसैन ने कहा कि संविधान ने कहा है कि समान नागरिक संहिता स्वीकार नहीं की जाएगी। संविधान में आर्टिकल 25 से 32 में तमाम मजहबों के लोगों को अपने-अपने तौर तरीकों से शादी, तलाक सहित कई चीजों की छूट दी गई है। समान नागरिक संहिता असंवैधानिक है। इसे लागू करना संविधान का उल्लंघन होगा। ये बातें उन्होंने गुरुवार को एक्कड़ खुर्द स्थित मदरसा दारुल उलूम असदिया में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की बैठक के दौरान कहीं। नायब सदर मौलाना इलियास ने कहा कि सभी संविधान को मानने वाले लोग हैं। समान नागरिक संहिता को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने इसके बारे में बैठक में पूरी विस्तृत जानकारी दी।
प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली ने कहा कि समान नागरिक संहिता को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर जनता से राय मांगी है। समाज के लोग ज्यादा से ज्यादा वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in पर सरकार को अपनी राय भेजें। उन्होंने कहा कि मदरसों के सर्वे को लेकर सभी अपने पूर्ण दस्तावेज आदि तैयार रखें। सर्वे को लेकर सरकार और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मुल्क और कौम की तरक्की तालीम पर टिकी हुई है। बच्चों को दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम भी जरूर दिलाएं। बैठक में जिलाध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाहिद, मौलाना अब्दुल सत्तार, मौलाना दिलशाद, मौलवी इकराम, मौलवी तैय्यब, मास्टर अब्दुल सत्तार आदि शामिल रहे।