“हरिद्वार पुलिस की अनोखी पहल: युवाओं को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए लगाया गया विशेष काउंसलिंग कैंप..
"एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता और चिकित्सा शिविर बने आकर्षण का केंद्र..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को लेकर हरिद्वार पुलिस ने एक सराहनीय कदम उठाया है। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अगुवाई में नशे की लत से जूझ रहे युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से पुलिस लाइन रोशनाबाद में एक विशेष काउंसलिंग कैंप का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सिमरनजीत कौर के संबोधन से हुई, जिन्होंने युवाओं को नशे के शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक दुष्परिणामों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर अनुभवी काउंसलरों और चिकित्सकों की टीम ने भी युवाओं को नशे से बाहर निकलने और खेलकूद, योग तथा स्वस्थ दिनचर्या अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कैंप में TCI फाउंडेशन और प्रजापति ब्रह्माकुमारी संस्थान की सहभागिता भी विशेष रही। इनकी ओर से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से युवाओं को नशे से होने वाले नुकसान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इसी क्रम में नशा ग्रस्त युवाओं के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें भाग लेने वाले सभी युवाओं को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने स्वयं युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें नशा मुक्ति की सपथ दिलाई और भरोसा दिलाया कि हरिद्वार पुलिस उनके पुनर्वास के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा, “युवाओं को नशे से निकालकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ना हमारी प्राथमिकता है, और इस दिशा में हर पहल को अमल में लाया जाएगा।
“इस मौके पर एसपी क्राइम व ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा, मनोवैज्ञानिक राजीव रंजन, हेमंत खड़कवाल, चिकित्सा विभाग की टीम, पुलिस अधिकारी-कर्मचारी, TCI फाउंडेशन और प्रजापति ब्रह्माकुमारी की टीम मौजूद रही।
चिकित्सा विभाग द्वारा लगाए गए नेत्र जांच शिविर में कई युवाओं की आंखों की जांच की गई और जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मे भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम के समापन पर युवाओं और विशेषज्ञों ने एसएसपी की इस पहलकदमी को एक सकारात्मक और भविष्य निर्माण की दिशा में बड़ा कदम बताया तथा हरिद्वार पुलिस का आभार व्यक्त किया।
हरिद्वार पुलिस की यह अनूठी पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन युवाओं के लिए नई शुरुआत है, जिन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने का एक और मौका मिला है।