पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर चलाए जा रहे ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान (Drugs Free Devbhoomi Campaign) के तहत नैनीताल जिले की पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
बरेली में तैनात बागपत निवासी कांस्टेबल व बीडीएस और एमसीए की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को 1.75 किलो स्मैक के साथ लालकुआं पुलिस और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गुरुवार को बरेली से हल्द्वानी की ओर आ रहे थे। बरामद 1.75 किलो स्मैक की कीमत एक करोड़ से ज़्यादा बताई जा रही है। यह उत्तराखंड में अब तक की सबसे बड़ी खेप मानी जा रही है। एसएसपी पीएल मीणा का दावा है कि इससे पूर्व एक बार में पुलिस ने इतनी मात्रा में स्मैक नहीं पकड़ी थी।
—————————————-
“युवाओं की नसों में घुलना था जहर…..
बरामद हुई स्मैक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर नौजवानों की नसों में जहर के रूप में घोली जानी थी। पुलिस बहुउद्देशीय भवन में प्रेसवार्ता के दौरान नैनीताल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि स्मैक तस्करी की सूचना पर पुलिस और एसओजी की टीम गुरुवार को जांच में जुटी थी।
इस बीच लालकुआं में सुभाष नगर बैरियर के पास एक ही बाइक पर सवार तीन युवकों को पुलिस ने रोका। जांच में उनके पास से कुल 1.75 किलो स्मैक मिली।
आरोपियों की पहचान मोरपाल- निवासी दुनका आनंदपुर थाना शाही जिला बरेली, अर्जुन पांडे-निवासी वार्ड नंबर छह आजादनगर थाना जिला बरेली और रविंद्र सिंह- निवासी सिलाना थाना झपरौली जिला बागपत के रूप में हुई। रविंद्र सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल है। वर्तमान में वह बरेली जिले के बारादरी थाने में तैनात है। वहीं, मोरपाल बीडीएस तो अर्जुन पांडे एमसीए की पढ़ाई कर रहा था।
—————————————-
“डीजीपी ने थपथपाई पीठ…..
तीनों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया। कांस्टेबल की गिरफ्तारी की जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस को दे दी गई है। एसओजी व लालकुआं पुलिस की बड़ी उपलब्धि पर जिले से लेकर पुलिस मुख्यालय तक ने भी शाबाशी दी। डीजीपी अशोक कुमार ने टीम को 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा भी की।