साथियों को छोड़ भागे यूपी के पुलिसकर्मी, हाथ जोड़कर गुहार लगाते रहे फर्श पर पड़े इंस्पेक्टर व एसओजी प्रभारी..
दोनों राज्यों की पुलिस में तनातनी बढ़ने के बीच सामने आया वीडियो, एसओ ने बचाई जान..
पंच👊🏻नामा ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: इनामी खनन माफिया जफर अली की गिरफ्तारी के लिए दबिश के दौरान यूपी पुलिस की गोली से भाजपा नेता की पत्नी की मौत होने के बाद से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है।
नया विवाद उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव (एसीएस) गृह राधा रतूड़ी के बयान को लेकर खड़ा हो गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने पलटवार करते हुए मुख्य सचिव के आरोपों पर सवाल उठाए हैं। इस बीच काशीपुर बवाल का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर और एसओजी प्रभारी फर्श पर गिरे पड़े हैं और बार-बार हाथ जोड़कर छोड़ने की गुहार लगा रहे थे। कुंडा पुलिस ने मौके से वापसी के बाद थाने की जीडी में भी यही हकीकत दर्ज कराई।
दरअसल, 12 अक्तूबर को इनामी बदमाश जफर की तलाश में यूपी पुलिस उधमसिंहनगर के ग्राम भरतपुर में ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर पहुंची थी, जहां हुई फायरिंग में ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई थी।
इस दौरान कुछ पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे। सूचना पर कुंडा थाना प्रभारी दिनेश फत्र्याल पुलिस टीम के साथ पहुंचे। उस दौरान यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर, एसओजी प्रभारी व दो अन्य फर्श पर पड़े हुए थे, जो बार-बार हाथ जोड़कर छोड़ने की गुहार लगा रहे थे। कुंडा एसओ ने सूझबूझ से मौके पर खड़े कुछ लोगों की मदद से घायल पड़े यूपी पुलिस कर्मियों को छुड़ाया और बिना एंबुलेंस का इंतजार किए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल से कुछ देर में यूपी पुलिस के जवान बाहर आ गए। कुंडा थाना प्रभारी ने ही घायल पड़े यूपी के पुलिसकर्मियों की जान बचाई। अस्पताल में भर्ती यूपी पुलिस के जवान भी यह बात कुबूल कर रहे हैं।
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उत्तराखंड पुलिस को भी दिया चकमा…..
अस्पताल से निकलने के बाद यूपी के पुलिस कर्मियों को कुंडा पुलिस ने सरकारी वाहन में बैठने और आईटीआई थाना चलने के लिए कहा। इस पर यूपी पुलिस ने अपने वाहन में जाने और उत्तराखंड पुलिस को पीछे से आने के लिए कहा। कुंडा पुलिस ने अपना वाहन आगे चल रही यूपी पुलिस के वाहन के पीछे लगा दिया। कुछ देर बाद ही यूपी पुलिस का वाहन यहां की पुलिस को चकमा देकर गायब हो गया। कुंडा थाना प्रभारी दिनेश फत्र्याल ने बताया कि घटनास्थल से वापसी के बाद जो भी घटनाक्रम हुआ, उसे जीडी में दर्ज कराया गया है।
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यूपी पुलिस ने जताई आपत्ति, गिनाए उदाहरण…
उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव (एसीएस) गृह राधा रतूड़ी ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए निर्दोष को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार यूपी पुलिस क्या करती है। किसी निर्दोष को पकड़कर कहती है कि हमने घटना का राजफाश कर दिया। अगर, आप एक निर्दोष व्यक्ति को सजा देंगे तो उससे और 99 अपराधी पैदा होंगे। बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार कहा कि ऐसे गैर जिम्मेदाराना तथ्यहीन बयान से लोक सेवक को बचना चाहिए। कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस ने उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव, गृह का बयान देखा व सुना है। उन्हाेंने कहा कि बयान खेदजनक और तथ्यों पर आधारित नहीं है। बिना तथ्यों की जानकारी किए ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान देने से किसी भी लोक सेवक को बचना चाहिए। विशेषकर जब देश के सबसे बड़े व संवेदनशील राज्य से जुड़ा मुद्दा हो। एडीजी ने सवाल उठाया है कि क्या उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव, गृह को माफिया मुख्तार अंसारी व विजय मिश्रा, जिन्हें न्यायालयों ने सजा दी है, निर्दोष लगते हैं। क्या जफर जो कि एक खनन माफिया है और उस पर पूर्व से ही एक लाख रुपये का इनाम है और वांछित चल रहा था या उधमसिंहनगर का रहने वाला ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख निर्दोष लगते हैं। यूपी पुलिस ने पूरे देश में अपराध व अपराधियों के प्रति कार्रवाई करके एक नजीर प्रस्तुत की है। ऐसी स्थिति में इस प्रकार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से इस तरह के गैरजिम्मेदाराना तथा तथ्यहीन बयानों पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांगी की है। एडीजी का कहना है कि यूपी पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों, सभी तरह के माफिया व शातिर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। ऐसे सभी प्रकार के अपराधियों को सजा दिलाने में यूपी पुलिस ने देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है।