
पंच👊नामा
जगदीश शर्मा “देशप्रेमी, रुड़की: एक दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद रुड़की में बवाल हो गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को कोतवाली लेकर जाने से रोकने पर ग्रामीण भड़क गए और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की कर दी। रुड़की सीओ पल्लवी त्यागी से भी हाथापाई की गई। किसी तरह पुलिस ने ग्रामीणों को उनके गांव की तरफ मोड़ दिया। लेकिन रास्ते में ग्रामीण भड़क गए और पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया।
जिससे मंगलौर कोतवाली प्रभारी मनोज मेनवाल, इंस्पेक्टर भगवानपुर राजीव रौथाण समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। बवाल की सूचना पर एसएसपी अजय सिंह आला अधिकारी के साथ तुरंत रुड़की क्षेत्र पहुंचे। फिलहाल पूरे गांव में पुलिस तैनात है और स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस टीमें पथराव और बवाल करने वाले अराजक तत्वों की तलाश में जुटी हैं।
लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए पूरे जिले का पोस्ट रुड़की बुला लिया गया है।पुलिस के मुताबिक बेलड़ा गांव निवासी एक दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। रुड़की सिविल अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि ग्रामीण सबको रुड़की सिविल लाइंस कोतवाली के बाहर रखकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
जिस पर सीओ रुड़की पल्लवी त्यागी के नेतृत्व में पुलिस टीम रुड़की नगर निगम के आसपास मुस्तैद हो गई। ग्रामीणों ने शव लेकर कोतवाली की तरफ जाने का प्रयास किया। पुलिस के रोकने पर उन्होंने हाथापाई करते हुए हंगामा कर दिया। ऐसा बताया गया है कि सीओ के साथ भी हाथापाई हुई है।
जिस पर एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह भी मौके पर पहुंच गए और रास्ते में जाम लगाने की आशंका पर पुलिस बल को हाईवे पर जगह-जगह तैनात कर दिया। रुड़की से गांव जाने के दौरान ग्रामीणों ने गुस्से में पुलिस पर पथराव कर दिया। जिससे हंगामा बढ़कर बवाल में तब्दील हो गया।
सूचना पर एसएसपी अजय सिंह फौरन एसपी क्राइम रेखा यादव, रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह सहित आला अधिकारियों के साथ रुड़की निकल गए और मौके पर पहुंचकर ला एंड आर्डर की कमान संभाली। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले भर से थाना कोतवाली की पुलिस को बेलड़ा गांव बुलाया गया है।
एसएसपी ने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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“पहले गंगनहर कोतवाली में रखा गया था शव……
रुड़की: शव लेकर कोतवाली जाने की यह परंपरा कुछ दिन पहले ही रुड़की से ही शुरू हुई। एक बैंककर्मी की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण उसका शव लेकर गंगनहर कोतवाली पहुंच गए थे। कोतवाली के अंदर टेबल पर शव रखकर रातभर हंगामा चला था। यह शर्मनाक स्थिति दोबारा पैदा ना हो, पुलिस ने सोमवार को यही प्रयास किया।
जिसका नतीजा हाथापाई और पथराव के रूप में सामने आया। पथराव में घायल इंस्पेक्टर मनोज कुमार मेनवाल, भगवानपुर इंस्पेक्टर राजीव रौथाण, सिविल लाइंस कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर बारू सिंह चौहान को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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“घायल होने के बावजूद पुलिस ने नहीं खोया संयम…
पथराव में घायल होने के बावजूद पुलिस ने संयम नहीं खोया। पूरे बवाल में दो इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पथराव के बाद भी पुलिस हाईवे से ग्रामीणों को शांतिपूर्वक गांव भेजने में जुटी रही। वहीं, मीडिया से बातचीत में एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एक पक्ष के युवक की मौत होने पर दूसरे पक्ष पर हत्या का शक जताया गया था। हालांकि पुलिस की जांच में हत्या जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। इसके बावजूद ग्रामीणों को कहा गया था कि वह अंतिम संस्कार कर लें और तहरीर लाकर पुलिस को दें। एसएसपी ने बताया कि भीड़ में शामिल कुछ अराजक तत्वों ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया है। उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।