
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून/हरिद्वार: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट होने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस प्रकरण के कथित मास्टरमाइंड खालिद के गिरफ्त में न आने से जांच की रफ्तार थम-सी गई है। देहरादून से लेकर हरिद्वार तक पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई हैं, मगर अभी तक हाथ खाली हैं।रविवार को आयोग द्वारा 416 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा शुरू होने के कुछ ही समय बाद प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार ने अपने अकाउंट से पन्ने साझा कर सरकार को घेरा। मामला सामने आते ही प्रदेशभर में हड़कंप मच गया और पुलिस व खुफिया एजेंसियां हरकत में आ गईं।
हरिद्वार में पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ऋषिकेश निवासी असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को प्रश्नपत्र के पन्ने व्हाट्सएप पर भेजे गए थे। यह पन्ने भेजने वाली कोई और नहीं, बल्कि सुल्तानपुर लक्सर निवासी खालिद की बहन थी। इसके बाद से ही पुलिस ने खालिद की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया, लेकिन उसका मोबाइल फोन बंद है और वह फरार चल रहा है।
खालिद, जो पेशे से इंजीनियर है और एक सरकारी विभाग में संविदा पर काम कर चुका है, को इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक खालिद पुलिस की पकड़ में नहीं आता, तब तक यह साफ नहीं हो पाएगा कि उसने प्रश्नपत्र के पन्ने आखिरकार कैसे लीक किए। फिलहाल, खालिद की तलाश और पूछताछ ही इस पूरे पेपर लीक कांड की गुत्थी सुलझाने की कुंजी मानी जा रही है।