पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: धर्म संसद में भड़काऊ भाषण प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने के बाद उत्तराखंड पुलिस टविटर यूजर्स के निशाने पर आ गई।
टीएमसी नेता साकेत गोखले के टवीट पर मचे बवाल के बाद पुलिस ने ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी की तहरीर पर मुकदमा ही दर्ज नहीं किया, बल्कि उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक टविटर एकाउंट पर इसकी जानकारी भी शेयर की गई।
लेकिन केवल एक धारा में और सिर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर कई यूजर्स ने उत्तराखंड पुलिस को आड़े हाथों ले लिया।
कुछ यूजर्स ने लिखा है कि क्या चार दिन बाद पुलिस की आंख खुली है।
एक दूसरे यूजर्स ने यहां तक लिख डाला कि केवल जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बकरा बनाया गया है, जबकि कार्यक्रम में शामिल प्रमुख आरोपियों को अन्य कर दिया गया।
एक यूजर्स ने पूछा कि इनके खिलाफ यूएपीए की कार्रवाई कब होगी। वहीं, कुछ यूजर्स ने मुकदमा दर्ज होने पर ही सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या हिंदुत्वादी सरकार में अब कोई अपनी अभिव्यक्ति भी नहीं जता सकता है।
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तीन दिन चली थी धर्म संसद….
उत्तरी हरिद्वार के वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया था।
जिसमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर व गाजियाबाद डासना मंदिर के स्वामी यति नरसिंहानंद, उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी, हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरी, स्वामी आनंदस्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा, धर्मदास आदि शामिल हुए।
धर्म संसद के आखिरी दिन भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय भी हरिद्वार पहुंचे थे। इसका एक वीडियो वायरल होने पर गुरुवार को टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने टवीट कर सवाल उठाया था। इस बीच ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी ने शहर कोतवाली में तहरीर दी।