हरिद्वार में तीन दिन चली विहिप की बैठक, धर्मनगरी के एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं..
भैरव सेना ने उठाए सवाल, प्रचारकों को "तब्लीगी जमात से सीख लेने की नसीहत, संतों पर भी निशाना,, भाईचारा निभाना है तो क्यों लगाए धर्म के इंजेक्शन..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तरी हरिद्वार में तीन दिन तक चली विश्व हिंदू परिषद की बैठक में धर्मनगरी से जुड़े एक भी मुद्दे पर चर्चा न होने पर भैरव सेना संगठन ने सवाल उठाए हैं। संगठन के जिला प्रमुख चरणजीत पाहवा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि एक बड़े आश्रम में बैठक तीन दिन चली। धर्मनगरी के विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई। हाल ही में भेल में हुए एक बड़े कार्यक्रम स्वयंसेवकों ने बड़ी बौद्धिक बातें की, वहां भी धर्मनगरी के विषय पर कोई बात नहीं हुई।चरणजीत पाहवा ने कहा कि हरिद्वार विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। धर्मनगरी में नशे का धंधा और नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों अवैध मांस की दुकानें चल रही हैं। 20 वर्ष पहले शराब का ठेका हरकी पैड़ी से 20 किलोमीटर दूर बहादराबाद हुआ करता था। आज सिर्फ छह किलोमीटर नगर निगम क्षेत्र में आ गया है। इन गंभीर विषयों पर किसी भी बड़े संगठन के नेता ने चर्चा नहीं की। यह हिंदू समाज के लिए सोचने का विषय है। हरिद्वार में कितनी बार धर्म संसद हुई, इस विषय पर किसी संत महात्मा या बड़े हिंदू संगठन के नेताओं ने आज तक आवाज नहीं उठाई। आरोप लगाया कि हमारे लोग कई मुस्लिम मौलवियों के खिलाफ बयानबाजी तो करते हैं, लेकिन उनसे सीख नहीं लेते कि वह लोग अपने धर्म के लिए कितने कट्टरपंथी है। तब्लीगी जमात से जुड़े मुस्लिम प्रचारक 10-10 किलोमीटर पैदल चलकर सर पर गठरी रखकर अपने धर्म के प्रति जागरूक करने जाते हैं। जबकि हमारे प्रचारकों के पास सारी वीआईपी सुविधाएं हैं। कहा कि संत समाज अपने वातानुकूलित आश्रम से बाहर आने को तैयार नहीं है। पाहवा ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह कई बार जेल गए और पिछले 10 वर्षों से अपने बच्चों के साथ दर-दर भटक रहे हैं, यहां तक की रोटी के लाले हैं। क्यों कि बड़े नेताओं की चापलूसी नहीं की। कहा कि धर्म की लड़ाई भैरव सेना संगठन के बैनर तले लगातार लड़ते रहेंगे।
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संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी सवाल…….
मीडिया को जारी बयान में चरणजीत पाहवा ने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना हुई, 100 वर्ष होने को आ गए। आज तक यह लोग जातिवाद खत्म नहीं करा पाए अब हमारे संघ प्रमुख भी कहते हैं, सभी लोगों से भाईचारा बनाकर रखें सबका साथ सबका विकास तो फिर मेरे जैसे लोगों को धर्म के नाम पर इंजेक्शन क्यों लगाएं मेरे जैसे मैं और मेरे परिवार भुगत रहे हैं। दर्जनों मुकदमे लगे 6 बार जेल गए। घर बाहर बिक गया, पिछले 10 वर्षों से अपने बच्चों के साथ दर-दर भटक रहे हैं रोटी के लाले हैं, लेकिन हमें अपने पर गर्व है कि धर्म की। हमने लड़ाई लड़ी। हम तो पिछले 26 वर्षों से आप की बैठकों में जाकर धर्म के मार्ग पर चल पड़े अब आप मार्ग बदलने की बात करते हैं। यह हमारे लिए भी सोचने का विषय है अगर ऐसा ही करना था तो हजारों कारसेवक शहीद क्यों करवा दिए। फिर हमारे जैसों को घर से बेघर क्यों करवा दिया। हम तो धर्म के मार्ग पर चल पड़े। कहा कि नूपुर शर्मा के विषय में किसी बैठक में या किसी शिविर में चर्चा नहीं की गई आप लोगों का ही कहना है नारी देवी है, नारी मातृशक्ति है, नारी दुर्गा है हमारी बहन बेटियों की सुरक्षा की बात करते हैं। आप धरातल पर कुछ नहीं, नारी के सम्मान में बड़ी-बड़ी बात की जाती है मुसीबत के समय एक नारी को आप लोगों ने अकेला छोड़ दिया बाकी हिंदू समाज समझदार है। यह सबक अंध भक्तों को भी सोचना होगा जागो हिंदुओं जागो हम तो आज भी हिंदू समाज को जगाने की कोशिश कर रहे हैं और जब तक जीवित हैं करते रहेंगे और अपने धर्म के लिए लड़ते रहेंगे। हम इसलिए कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि हमने बड़े बड़े लीडरों की चापलूसी नहीं की और ना ही करेंगे। यह धर्म की लड़ाई है। भैरव सेना संगठन के बैनर तले यह लड़ाई लड़ते रहेंगे।