हरिद्वार

शमशान पर सियासत: ऊपर से आए मौखिक आदेश पर अफसरों ने लगाया अड़ंगा..

ग्रामीणों को भारी पड़ रहा चुनाव में भाजपा का बायकॉट करना, ग्रामीणों में रोष..

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पंच👊नामा- भगवानपुर: राजनीति का स्तर दिनों-दिन गिर रहा है, इस बात से हर कोई वाकिफ है। लेकिन क्या कोई ऐसा भी कर सकता है कि चुनाव में वोट ना मिले तो अंतिम संस्कार के लिए जरूरी शमशान पर ही सियासी कबड्डी शुरू कर दी जाए। हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र और ज्वालापुर विधानसभा के एक गांव में शमशान को ही सियासत का अखाड़ा बना कर रख दिया गया है।
ज्वालापुर विधानसभा के गाँव गांजा मजरा में शमशान पर सियासत हो रही है। जद्दोजहद के बाद शमशान घाट के लिए जगह तो मिली लेकिन उसपर निर्माण कराने को लेकर दो गुट आमने सामने है, बड़ी बात ये है कि शमशान घाट में बनने वाली छतरी का शिलान्यास भी क्षेत्रीय विधायक द्वारा किया जा चुका है लेकिन उसके बावजूद भी काम को रुकवा दिया गया, जब ग्रामीणों ने काम रुकवाने की वजह जानी तो उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश का हवाला दिया गया। जबकि ग्रामीण शमशान घाट से संबंधित सभी सरकारी कागज कंप्लीट होने का दावा कर रहे है।
दरअसल इसी साल के विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने शमशान घाट बनने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था। कई दिनों तक धरना प्रदर्शन के बाद एसडीएम के आश्वासन पर उन्होंने बहिष्कार को खत्म किया और मतदान में हिस्सा लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व विधायक ने क्षेत्र में कोई कार्य नही कराया जिसको लेकर उन्होंने वर्तमान विधायक के पक्ष में वोट किए, और उन्हें जीत दिलाई। इसी बात से खफा पूर्व विधायक उनसे राजनीतिक रंजिश रखने लगे, पूर्व विधायक से जुड़े गाँव के दो परिवार शमशान घाट बनने में रोड़ा बन रहे है जिन्हें पूर्व विधायक स्पोर्ट करते है। ग्रामीणों ने बताया उन्हें सरकारी भूमि शमशान घाट के लिए अलॉट की गई, जिसकी ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हदबंदी की, उसके बाद कई अंतिम संस्कार भी वही किए गए, अब जब क्षेत्रीय विधायक ने उस शमशान घाट में अपनी निधि से छतरी बनाने का काम शुरू किया तो उसमें पूर्व विधायक के गाँव मे मौजूद प्रतिनिधि रोड़ा अटका रहे है। ग्रामीणों ने बताया विधायक रवि बहादुर दो दिन पहले शमशान घाट में होने वाले निर्माण का शिलान्यास भी कर गए, लेकिन एक दिन पूर्व क्षेत्र में सीएम के कार्यक्रम के बाद फिर से काम को रुकवा दिया गया। उन्होंने बताया सालों से ग्रामीण शमशान घाट को लेकर परेशान थे, और वह अंतिम संस्कार के लिए पास की नदी पर जाया करते थे। जद्दोजहद के बाद शमशान घाट के लिए जगह मिली है, लेकिन कुछ सियासी लोगों को ये हजम नही हो रहा। ग्रामीणों ने बताया जमीन के अलॉट से लेकर अन्य कागजात उनके पास है लेकिन उसके बावजूद भी मौखिक आदेश का हवाला देकर काम रुकवाया गया है। जिससे ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।

ई. रवि बहादुर (विधायक ज्वालापुर विधानसभा)

ज्वालापुरविधायक ई.रवि बहादुर ने कहा शमशान घाट पवित्र जगह है, उसपर राजनीति नही होनी चाहिए, हम लोगों की भलाई के लिए काम करते है ना कि धर्म की राजनीति, एक तरफ सत्ता पार्टी धर्म की बात करती है दूसरी तरह शमशान घाट जैसे माममें पर राजनीति कर उसमें अड़चने पैदा करती है जिससे इनका चेहरा जनता के उजागर होता है। उन्होंने बताया शमशान घाट से संबंधित उन्होंने सभी कागजात देखे है, और इस संबंध में अधिकारियों से भी वार्ता की है। हम ऐसे मुद्दों पर राजनीति नही करते, जनता अब इनकी असलियत को जान चुकी है।

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