“सनातन परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाएगा विश्व सनातन महापीठ, 21 को शिलापूजन में जुटेंगे देश के नामी संत..
अनिरुद्धाचार्य, देवकीनंदन ठाकुर, करोली शंकर महादेव जैसे संत रखेंगे सनातन पर विचार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: तीर्थ सेवा न्यास की ओर से प्रस्तावित विश्व सनातन महापीठ को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 21 नवंबर को महापीठ की स्थापना की औपचारिक घोषणा और शिला पूजन कार्यक्रम आयोजित होगा।
प्रेसवार्ता में न्यास के संरक्षक बाबा हठयोगी और अध्यक्ष तीर्थाचार्य रामविशाल दास महाराज ने बताया कि यह महापीठ 100 एकड़ क्षेत्र में करीब हजार करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रकल्प आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों का ऐसा वैश्विक केंद्र बनेगा, जिसकी अवधारणा पहले कभी नहीं देखी गई। परिसर में सनातन संसद भवन, चारों शंकराचार्य पीठों के प्रेरणा केंद्र, तेरह अखाड़ों के उद्देश्य-परिसर, वेद मंदिर, स्वाध्याय केंद्र, आवासीय गुरुकुल,
108 संतों के आवास, 1008 भक्त आवास और 108 प्रमुख तीर्थों की परिक्रमा पथ की योजना शामिल है। इसके साथ ही सनातन टाइम म्यूजियम, विशाल ऑडिटोरियम, स्वरोजगार एवं शस्त्र प्रशिक्षण केंद्र, गौ संरक्षण केंद्र और धर्मसभा हॉल भी तैयार किए जाएंगे।
रामविशाल दास महाराज ने कहा कि महापीठ की स्थापना का उद्देश्य सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण, वेद-आधारित शिक्षा, अध्यात्म और राष्ट्रनिर्माण को नई दिशा देना है। उन्होंने बताया कि घोषणा एवं शिला पूजन समारोह में देश-विदेश से संत, महापुरुष, कथावाचक, उद्योगपति, जनप्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इनमें डॉ. अनिरुद्धाचार्य, देवकीनंदन ठाकुर, स्वामी ब्रह्मेशानंद, संजय आर्य शास्त्री, स्वामी दिनेश्वरानंद, राज राजेश्वर गुरुजी, करौली शंकर महादेव, पाण्डोखर सरकार, अविचल दास सहित काशी, वृंदावन, अयोध्या, पंजाब और हरिद्वार से आने वाले हजारों संत प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व सनातन महापीठ आने वाली पीढ़ियों के लिए सनातन संस्कृति का मजबूत, जीवंत और प्रेरक केंद्र बनने जा रहा है। प्रेसवार्ता में डॉ. गौतम खट्टर, शिशिर चौधरी, अमरीश त्यागी, शुभम मलिक और अमित त्यागी मौजूद रहे।



