
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अरबों रुपये के जमीन घोटाले में चर्चित भू माफिया यशपाल तोमर के साथ दो आईएएस व एक आइपीएस के परिजनों के नामजद होने के बावजूद उत्तराखंड सरकार भले ही चुप्पी साधे हुए है, मगर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का शिकंजा कसता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने चिटहेरा प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया है। एसआइटी की जांच पूरा फर्जीावाड़ा सामने आने के साथ-साथ भू माफिया यशपाल तोमर और उत्तराखंड के आला अफसरों के बीच संबंधों की सच्चाई भी खुलकर सामने आएगी।
खबरों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा भूमि घोटाला मामले में जिला प्रशासन की ओर से दर्ज कराए गए दो मुकदमों की जांच के लिए गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी का गठन कर दिया है। यह एसआईटी अपर पुलिस कमिश्नर (अपराध) भारती सिंह के नेतृत्व में गठित की गई है। क्राइम ब्रांच के दो इंस्पेक्टर इसके सदस्य हैं।

इन दोनों मुकदमों में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बड़े और रसूखदार नामजद हुए हैं। उत्तराखंड में वरिष्ठ पदों पर तैनात दो आईएएस अधिकारियों और एक आईपीएस अधिकारी के परिवारजनों को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। इस मामले में एक मुकदमा लेखपाल शीतला प्रसाद की ओर से दर्ज कराया गया था, जिसमें भूमाफिया यशपाल तोमर व त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बेलू, कृष्ण पाल, एम भास्करण, केएम संत उर्फ खचेरमल, गिरीश वर्मा और सरस्वती देवी नामजद हुए हैं। जबकि दूसरा मुकदमा राजस्व निरीक्षक पंकज निरवाल की तरफ से दर्ज कराया गया है। इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने के बाद अभी तक पांच नामजद आरोपी इलाहबाद हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत भी ले चुके हैं। एसआइटी जांच में इस प्रकरण के हर पहलू को बारीकी से खंगाला जाएगा। योगी सरकार ने हाल के दिनों में जिस तरीके से कठोर फैसले लिए हैं, उससे साफ है कि आरोपियों पर कड़ा एकशन लिया जा सकता है।
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पूर्व सीएम के रिश्तेदार की कंपनी पहुंची हाइकोर्ट…
उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने नामजद कंपनी के कर्मचारियों को राहत देते हुए कार्रवाई पर रोक लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह कंपनी उत्तराखंड के एक पूर्व सीएम के रिश्तेदारों की बताई जा रही है।
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