पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: बॉर्डर से लेकर शहर तक चप्पे-चप्पे पर चेकिंग और नाकेबंदी। मजाल है कोई आम आदमी पुलिस की नजर से बच सके। लेकिन कनखल के फ्लैट में शराब की पूरी खेत पहुंच गई। आधी रात शराब पकड़े जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह खेप पुलिस की नजर में क्यों नहीं आई। एक वीडियो में कुछ युवक अंधेरे में चुपचाप सफेद रंग की कार से शराब की पेटियां उतारते नजर आ रहे हैं, यह जानकारी कांग्रेस तक पहुंच गई तो आखिर पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थकों की ओर से लगाये जा रहे भाजपा कनेक्शन के आरोप को इसलिए भी बल मिल रहा है कि यह फ्लैट भाजपा नेता का बताया जा रहा है। फ्लैट से शराब के साथ साथ सफेद रंग का संदिग्ध पाउडर भी मिला है। प्रथम दृष्टया यह भी कोई नशे का ही सामान है। पुलिस अब शराब और संदिग्ध पाउडर का भाजपा कनेक्शन ढूंढ पाने में कामयाब हो या ना हो पाए, यह अलग बात है। लेकिन फिलहाल यह साफ हो गया है कि नशे का जखीरा चुनाव के लिए ही जुटाया गया था। चुनाव आयोग लगातार मीटिंग में यह आदेश दे रहा है कि चुनाव प्रभावित करने वाली सामग्री जैसे शराब, नशा, नकदी आदि पर प्रभावी नकेल कसी जाए। लेकिन मतदान से एक सप्ताह पहले ही इस प्रकार नशे का जखीरा शहर के बीच पकड़े जाना मुस्तैदी पर सवाल खड़े कर रहा है। आधी रात शराब पकड़े जाने के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी ने दावा किया कि शहर में कम से कम 10 जगहों पर इसी तरह शराब का जखीरा झूठा कर रखा गया है। भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस इस मामले को लेकर चुनाव आयोग जाने के बाद कह रही है। वहीं, भाजपा इससे पल्ला झाड़ते नजर आ रही है। कई भाजपा नेताओं का यह भी आरोप है कि कांग्रेस ने खुद ही शराब की पेटियां रखवाते हुए भाजपा पर आरोप लगाए हैं। देखना यह होगा कि नशा चुनाव पर क्या असर डालता है।