ये कैसी तबादला सूची: समय से पहले पहाड़ चढ़ाए अनुभवी इंस्पेक्टर, हरिद्वार और देहरादून जिले में गड़बड़ाएगी पुलिसिंग..
कई धुरंधर समय पूरा होने के बावजूद बचने में कामयाब, सूची देख अधिकारियों का भी चकराया सिर, गुणा-भाग की चर्चाएं..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: आईजी गढ़वाल कार्यालय की ओर से जारी पुलिसकर्मियों की तबादला सूची विवादों से घिर गई है। दरअसल, सूची में तमाम ऐसे पुलिसकर्मियों के नाम शामिल कर दिए गए हैं, जिनको अभी जिले में 3 साल भी पूरे नहीं हुए हैं। जबकि ऐसे कई पुलिसकर्मी लिस्ट में नज़र नहीं आ रहे हैं जो कई कई साल से एक ही जिले में तैनात हैं।
कई धुरंधर तो ऐसे हैं, जो हर साल जारी होने वाली तबादला सूची की शोभा बढ़ाते आ रहे हैं, लेकिन जिले से हिलते नहीं हैं, मजेदार बात यह है कि ऐसे कई पुलिसकर्मियों के नाम नई सूची से गायब है। ऐसे में सवाल यह है कि सूची बनाने में आखिर कौन सा गुणा-भाग लगाया गया है…??
सवाल यह भी है कि आखिर किस गणित के तहत नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। तबादला सूची को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी पुलिसकर्मियों के बीच बनी हुई है। तबादला सूची को हरिद्वार के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो यहां से अधिकांश अनुभवी इंस्पेक्टर और दारोगाओं को पहाड़ चढ़ने का फरमान सुना दिया गया है।
राजधानी देहरादून का भी यही हाल है। इस तबादला सूची पर यदि अमल हुआ तो यह तय है कि दोनों जिलों की पुलिसिंग गड़बड़एगी।
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हरिद्वार जैसे संवेदनशील जिले की अधिकांश थाना कोतवालियों की कमान नए-नवेले इंस्पेक्टर दारोगाओं के हाथ में होगी तो जिले की अपराध व कानून व्यवस्था का क्या हश्र होगा, इसका अंदाजा शायद देहरादून बैठे अधिकारी भी नहीं लग पा रहे हैं।
कार्मिक विभाग चूंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अधीन है और प्रदेश में पुलिस की कमान डीजीपी अभिनव कुमार के रूप में तेज़तर्रार और अनुभवी आईपीएस के हाथ में है। इसलिए कम से कम ऐसी उलूल-जुलूल तबादला सूची की उम्मीद कतई नहीं की जा सकती है। खास बात यह है कि तबादला सूची पुलिस कर्मियों ही नहीं, अधिकारियों के गले भी नहीं उतर रही है।