
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रानीपुर झाल के समीप अवैध रूप से ट्रस्ट की जमीन ठिकाने लगाने के साथ ही अगल-बगल की 10 बीघा सरकारी भूमि खुर्द-बुर्द करने के मामले में तहसील प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। कितनी हैरत की बात है कि भू माफिया खुलेआम सरकारी जमीन बेचते रहे, उनकी रजिस्ट्रियां तहसील में होती रही, लेेकिन ना तो यह गोलमाल रजिस्ट्रार कार्यालय की पकड़ में आया और ना ही तहसील के अधिकारियों को अपनी जमीन बिकने की भनक लगी।

रामाधार दास की पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर खेले गए इस पूरे खेल में कई तरीके से नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। दरअसल, पावर आफ अटॉर्नी देने वाले संत रामाधार दास और पावर लेने वाले आरोपी मुनिंदर शान शर्मा के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं था। ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होती है।

लेकिन इस प्रक्रिया में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बावजूद आरोपी ने ट्रस्ट और सरकारी संपत्ति को दोनों हाथों से ठिकाने लगाया। मुकदमे की जांच महीनों से प्रचलित होने के बावजूद अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इसको लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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“दुस्साहस: सरकारी बोर्ड पर पोती कालिख…….

बहादराबाद क्षेत्र में कुछ महीने पहले रानीपुर झाल के पास सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर प्लॉटिंग करने का मामला सामने आया था। किशनदास निवासी घनश्याम भवन भूपतवाला की शिकायत पर तहसील प्रशासन ने मौके पर सरकारी बोर्ड लगाया। लेकिन कब्जाधारियाें ने दुस्साहस दिखाते हुए बोर्ड पर ही कालिख पोत डाली थी। जिसके बाद पटवारी सुभाष जैमिनी की ओर से अज्ञात भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

तत्कालीन थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने मामले की जांच शांतरशाह चौकी प्रभारी हेमदत्त भारद्वाज को सौंपी। पुलिस की जांच में पता चला कि मुनिंदर शान शर्मा निवासी धर्मपुर देहरादून ने ट्रस्ट की पांच बीघा भूमि और सरकारी 10 बीघा भूमि अवैध रूप से बेच डाली। इन जमीनों की रजिस्ट्रियां हरिद्वार तहसील में होती रही और अधिकारी गहरी नींद में सोते रहे।
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“जांच की जद में कुल 23 रजिस्ट्रियां……..

हरिद्वार: उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक तेलूराम ने इस मामले की जांच की। जिसमें पता चला कि रामाआधार दास ने डीएम की अनुमति के बगैर अवैध रूप से साल 2021 में खसरा नंबर 649 की पावर आफ अटॉर्नी मुनिदर शान शर्मा के नाम पर की। जिसके आधार पर शर्मा ने ट्रस्ट की भूमि और सरकारी जमीन को मिलाकर कुल 23 रजिस्ट्रियां की। राजस्व उपनिरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में इन रजिस्ट्रियों का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार में निहित करने की संस्तुति भी की। इतना बड़ा घोटाला राजस्व विभाग की जांच में सामने आने के बावजूद तहसील प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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“पैमाइश होने में लग गए तीन महीने…………

विवेचक हेमदत्त भारद्वाज की ओर से जमीन की पैमाइश को लेकर एसएसपी को पत्र भेजा गया था। एसएसपी की ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजने के बावजूद पैमाइश होने में तीन महीने लग गए। इस लेटलतीफी के चलते भी तहसील प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं। शिकायतकर्ता ने पैमाईश के नाम पर भी खानापूर्ति का आरोप लगाया। किशनदास का आरोप है कि जिस बड़े भूभाग पर प्लॉटिंग की जा चुकी है, उसकी पैमाईश नहीं की गई है। शिकायकर्ता ने निष्पक्ष जांच और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की है।
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“इन संपत्तियों की हुई पावर ऑफ अटॉर्नी…….

घनश्याम भवन और सीता राम मंदिर ट्रस्ट और कमेटी गठित है। ट्रस्ट की वसीयत में यह स्पष्ट है कि संपत्ति और अर्जित समस्त धन को संत समाज, विद्यार्थी कल्याण, धर्म प्रचार और गौ सेवा में लगाया जाएगा। इसके बावजूद पूर्व महंत रामाधार ने कई संपत्तियों की वसीयत/पावर ऑफ अटार्नी मुनेंद्र शान शर्मा के हक में की और मुनिन्द्र शर्मा ने इन संपत्तियों को कुछ सालों में ही बेच डाला। छानबीन में पता चला है कि पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर बहादराबाद में 30 बीघा जमीन, पंजाबी बाग भवन दिल्ली में बेशकीमती संपत्ति, भारत मातापुरम में 3 बीघा भूमि पर स्थित गौशाला, धनपुरा में भी जमीन बिक चुकी है। इसके अलावा यह भी पता चला है कि मुनेंद्र शान शर्मा ने आधा बीघा जमीन की रजिस्ट्री अपनी मां के नाम पर भी की है
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“नया महंत बनने पर हुआ खुलासा………

कुछ साल पहले संत समाज को संदेह हुआ कि आश्रम में प्राप्त होने वाले दान का सदुपयोग नहीं हो रहा है। तब रामाधार दास की ओर से अपने नाती शिष्य किशन दास को महंत नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव रखा। जिसे वैरागी संप्रदाय ने स्वीकार कर लिया बाद में किशनदास को घनश्याम भवन आश्रम का महंत भी नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद पूर्व महंत रामाधार दास की पावर आफ अटॉर्नी का खुलासा हुआ।
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“जल्द होंगी गिरफ्तारियां……

सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल ने बताया कि जमीन को लेकर सही स्थिति का पता लगाने के लिए पैमाईश कराई गई है। जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।