
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: सरकारी नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने वालों की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है। इस बार एक 59 वर्षीय महिला ने सचिवालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक युवक से 26 लाख 55 हजार रुपये ठग लिए। मामला जब खुला तो ठगी का खेल भी सामने आ गया। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।ऋषिकेश निवासी अमित कुमार को सचिवालय में समीक्षा अधिकारी की नौकरी का झांसा देकर महिला ने न केवल मोटी रकम ऐंठ ली, बल्कि उसे एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। जब अमित ने नियुक्ति पत्र की सत्यता जांचनी चाही, तो यह पूरी तरह से नकली निकला। मामला खुलते ही उसने नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान पुलिस को ठगी के पुख्ता सबूत मिले। आरोपी महिला रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल, जो खुद आयुर्वेदिक विभाग नरेंद्र नगर में प्रधान सहायक के पद पर कार्यरत है, पर पहले से ही नौकरी के नाम पर ठगी के तीन मामले दर्ज थे। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए महिला को गिरफ्तार कर लिया।
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कौन है यह शातिर ठग….?गिरफ्तार आरोपी की पहचान रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल (पत्नी नरेंद्र प्रकाश शर्मा, निवासी अलकनंदा एनक्लेव, जोगीवाला, देहरादून, उम्र 59 वर्ष) के रूप में हुई है। यह महिला सरकारी विभाग में काम करते हुए भी ठगी का धंधा चला रही थी। रविकांता शर्मा पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं।
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पुलिस टीम की सक्रियता से गिरफ्त में आई महिला….शातिर ठग महिला को पकड़ने में नेहरु कॉलोनी पुलिस की टीम ने अहम भूमिका निभाई। गिरफ्तारी करने वाली टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक सुमेर सिंह व महिला कांस्टेबल प्रिया चौहान शामिल रही।
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क्या है पुलिस का अगला कदम..?पुलिस अब आरोपी महिला के बैंक खातों की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि उसने और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। इसके अलावा, पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस ठगी में कोई और व्यक्ति शामिल तो नहीं है।
देहरादून एसएसपी अजय सिंह का बयान…..
आरोपी महिला रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से 26.55 लाख रुपये हड़प लिए और उसे फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया। जांच के दौरान पता चला कि महिला के खिलाफ पहले से ही तीन मामले दर्ज हैं। हमारी टीम ने ठोस साक्ष्यों के आधार पर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। यह भी जांच की जा रही हैं कि इस ठगी में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं। इसके अलावा, आरोपी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने और कितने लोगों को निशाना बनाया है।