पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: लोकसभा प्रत्याशी त्रिवेंद्र रावत की जनसभा के दौरान कुछ ग्रामीण महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने विकास के दावों की पोल खोलते हुए सीधे तौर पर आरोप लगाया कि बेरोजगारी के कारण लोग परेशान हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं ने 400 कंपनियां बंद होने का आंकड़ा तक गिना डाला। इस बीच महिलाओं को शांत कराने आए पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल को भी महिलाओं ने खरी-खरी सुनाई। महिलाओं के शांत न होने पर पूर्व विधायक भी उनसे भिड़ गए और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेकर सवाल दागे। लेकिन महिलाओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ। मंच से विकास के लंबे चौड़े दावों के बीच जनसभा के पीछे महिलाओं के इस हंगामे से स्थानीय भाजपा नेताओं को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। महिलाओं और पूर्व विधायक के बीच नोंक झोंक के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वहीं, महिलाएं मीडिया को दी गई बाइट में भी खुलेआम आरोप लगाती दिख रही हैं। वहीं, भाजपा नेताओं ने काग्रेस पर महिलाओं को जानबूझकर भाजपा की सभा में भेजने का आरोप लगाया। हालांकि, महिलाओं ने मौके पर ही इसका खंडन किया और कहा कि उनका किसी भी दल से कोई मतलब नहीं है। महिलाओं का कहना था कि 400 कंपनियां बंद हैं। सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है। विधायकों के पास जा चुके हैं, कोई फायदा नहीं हो रहा है। महिलाओं के नाम अनिता, सुषमा सैनी, कला देवी रिद्धिमा, मेनका, नसीबा, आफरनी, रेखा, मोहिनी व मोनिका बताए जा रहे हैं। कुल मिलाकर टिकट फाइनल होने के बाद से पार्टी की भीतरी चुनौतियों से जूझ रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए महिलाओं का इस तरह जनसभा में आकर सरेआम गुस्सा होना अच्छा संकेत नहीं है। टीएसआर के रणनीतिकारों को अभी होमवर्क करने की जरूरत है।