
हरिद्वार जिले के दो भाजपा विधायकों का टिकट कटने की चर्चाएं….
: दूसरी बार के एक विधायक के टिकट पर भी आ सकती है आंच
: विधायकों की परफॉर्मेंस और छवि का आकलन कर रही भारतीय जनता पार्टी
पंच 👊 नामा
सुल्तान:- हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 4 घंटे के हरिद्वार दौरे के बाद जिले में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी के साथ ही सियासी हल्कों में कई तरह की चर्चाएं भी जोर पकड़ गई हैं। टिकट की जोर आजमाइश के बीच जिले के दो भाजपा विधायकों का टिकट कटने की चर्चाएं जोर-शोर से चल पड़ी हैं। वहीं दूसरी बार के एक और विधायक के टिकट पर भी आंच आ सकती है। इतना ही नहीं, सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि सबसे कमजोर परफॉर्मेंस वाले दो विधायकों में से एक की सीट पर संगठन ने एक नेता को चुनाव की तैयारी में जुट जाने की हरी झंडी भी दे दी है। आने वाले दिनों में जनपद की राजनीति में कई दिलचस्प समीकरण देखने को मिल सकते हैं।
हरिद्वार जनपद की 11 सीटों पर विधानसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। 6 महीने के भीतर तीसरे मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद जनपद की कुछ सीटों पर भाजपा की जीत साफ नजर आ रही है। जबकि कुछ सीटों पर कांग्रेस मजबूत दिखाई पड़ रही है। सत्ता में वापसी के लिए भारती जनता पार्टी टिकट बंटवारे को कांग्रेस से ज्यादा संजीदा मालूम पड़ रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र में पूरे 4 घंटे अलग-अलग कार्यक्रमों में बिताए। इससे साफ जाहिर है कि सरकार चुनावी मोड में आ चुकी है। इसी के साथ ही टिकटों को लेकर भी माथापच्ची का दौर शुरू हो गया है। संगठन अंदरूनी तौर पर सर्वे के साथ-साथ बाहरी तौर पर भी विधायकों के कामकाज और जनता के बीच छवि का आंकलन कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि केवल अनाप-शनाप बयान बाजी और अक्सर विवादों में रहकर लोकप्रियता हासिल करने वालों की दाल टिकट बंटवारे में नहीं गलने वाली है। हालांकि अभी कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन मुख्यमंत्री के दौरे के बाद यह चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि दो सिटिंग विधायकों का टिकट कट रहा है। दोनों ही सीटें देहात से जुड़े हैं। दो बार विधायक जीत चुके एक अन्य विधायक की टिकट पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं। कारण यह है कि इस सीट पर दो बड़े दावेदार टिकट के दावे को लेकर पड़े हुए हैं और विधायक का ऊपर स्तर पर कोई मजबूत पैरोकार मौजूद नहीं है। चर्चा यह भी है कि भाजपा जिले की एक सीट से किसी महिला को भी मैदान में उतार सकती है। आने वाले दो महीनों में तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
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