
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: धोखाधड़ी और रंगदारी जैसे संगीन मुकदमों की समीक्षा के लिए बुधवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डा. वी मुरुगेशन हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ सर्किलवार समीक्षा की। इस दौरान विवेचना में लापरवाही बरतने पर एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने और एक दारोगा की प्रारंभिक जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए।
एडीजे वी मुरुगेशन ने अपराधों के निस्तारण व आरोपियों की गिरफ्तारी में बेहतर प्रदर्शन करने पर हरिद्वार पुलिस को शाबाशी भी दी। साथ ही अभियान में और तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
रोशनाबाद पुलिस मुख्यालय पर बैठक में जिले की रिपोर्ट पेश करते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान धोखाधड़ी व रंगदारी के 470 अभियोगों में से 273 अभियोगों का निस्तारण किया गया।
साथ ही 174 अभियुक्तों को 41 सीआरपीसी का नोटिस व 78 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई। 13 अभियुक्तों ने कोर्ट में सरेण्डर किया। बाकी 197 अभियोगों में विवेचना प्रचलित है।
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“मुंशी के सहारे न रहें सीओ…..
एडीजे लॉ एंड आर्डर डा. वी मुरुगेशन ने बैठक में क्षेत्राधिकारियों को भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि अपने-अपने सर्किल में लंबित पड़ी विवेचनाओं को स्वयं मॉनिटर करें। ऑफिस के मुंशी के सहारे न रहें। जिन विवेचकों की परफॉर्मेंस खराब है, उनकी रिपोर्ट भेजें और जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको प्रोत्साहित करें।
समीक्षा बैठक के दौरान विवेचना में लापरवाही बरतने पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कोतवाली रुड़की में लगभग एक वर्ष से प्रचलित धारा 420 के एक अभियोग में उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह को निलंबित किए जाने और कोतवाली ज्वालापुर में तैनात उपनिरीक्षक वाजिंदर सिंह की प्रारंभिक जांच खोलने के निर्देश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को दिए।
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“कागजों में नहीं, धरातल पर दिखें अभियान….
एडीजी लॉ एंड आर्डर वी मुरुगेशन ने पुलिस अधीक्षक अपराध, नगर व देहात को निर्देशित किया कि पुलिस मुख्यालय या परिक्षेत्रीय स्तर पर जो भी अभियान चलाये जाते हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सभी अधिकारी आपसी समन्वय बनाते हुए सफल बनाएं।
अभियान केवल कागजों में नहीं चलना चाहिए, बल्कि फील्ड में दिखना भी चाहिए। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल, एसएसपी अजय सिंह, एसपी क्राइम रेखा यादव, एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह सहित जिले के राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहे।
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“विवेचनाओं के बोझ से झुके दारोगाओं के कंधे…….
हरिद्वार: जिले में जरूरत के हिसाब से दारोगाओं की भारी कमी है। जिस कारण दारोगा विवेचनाओं के बोझ तले दबे जा रहे हैं। शहर व देहात के कई थाने कोतवाली में हालात ये हैं कि एक-एक दारोगा के जिम्मे 80 से 100 तक विवेचनाएं हैं।

ऐसे में समय पर विवेचनाओं का निस्तारण होना असंभव है। डीजीपी अशोक कुमार तक प्रदेश के आला अधिकारी इससे तथ्य से बखूबी वाकिफ हैं, इसके बावजूद महकमे में दारोगाओं को मैदानी जिलों से पहाड़ चढ़ाने की परिपाठी पर लगाम नहीं लग रही है। नतीजतन, विवेचनाएं लटक हुई हैं और फरियादी भटक रहे हैं। जबकि समस्या का समाधान दारोगाओं की संख्या बढ़ाकर हो सकता है।