भेल में पार्किंग को लेकर हो गया खेला, ईडी की फौज करती रह गई मौज..
रेहड़ी ठेली बर्दाश्त नहीं, बेशकीमती जमीन पर बन गया बस अड्डा..

पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार, वैसे तो भेल कैंपस में एक रेहड़ी लगाना भी संपदा विभाग की नजर में बेहद गंभीर है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि गुरुद्वारे से सटी भूमि पर प्राईवेट बस अड्डा कैसे बन गया। आखिर किसने इस पार्किंग को स्वीकृति दी है। हैरानी की बात यह है कि अगर प्राईवेट बस भेल कैंपस में ही पार्क करानी है तो फिर भेल सेक्टर दो में भूखंड पर तारबाड़ क्यों की गई, जहां पूर्व से बस अड्डा चला आता था। चर्चा है कि इस पार्किंग के पीछे बड़ा खेल खेला गया है और मामला हर महीने से जुड़ा है।
भेल के तौर पर प्रवीण झा के कार्यभार संभालने के बाद से संपदा विभाग पूरी तरह से बेलगाम है। संपदा विभाग के नित नए कारनामे सामने आते रहते है। संपदा विभाग भेल की संपत्तियों को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है।

अधिकांश संपत्तियों पर कब्जे हो चुके है या फिर सिलसिला जारी है लेकिन भेल संपदा विभाग ऊलजलूल कार्य में लगा हुआ है। भेल सेक्टर दो के गुरुद्वारे से सटी भूमि पर प्राईवेट बस की पार्किंग बना दी गई है। यह बसें पूर्व में चले आ रहे एक नियत स्थान पर पार्क होती है, जहां तारबाड़ कर इस नई व्यवस्था को मूक स्वीकृति दी गई है। इस मूक स्वीकृति के पीछे का कारण एक अधिकारी की मुट्ठी पूरी तरह गर्म होने की चर्चा है, जो एक बड़े साहब का खुद को करीबी बताता है।
चर्चा है कि उक्त अधिकारी दावा करता है कि भेल कैंपस की पूरी कमान उसी के ही हाथ में है। ईडी साहब संपदा विभाग के आपके लाडले अधिकारियों को यह पार्किंग आखिर क्यों नहीं दिखाई दे रही है, इतनी हमदर्दी किसी बात की है। प्राईवेट बस जहां पार्क होती है, वह मार्ग भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।