
पंच👊नामा
रुड़की: गौकशी की सूचना पर छापा मारने सिकरौढ़ा गांव पहुंची पुलिस टीम को भीड़ ने घेर लिया। टीम के साथ हाथापाई की गई और आरोपी दो महिलाओं को छुड़ाने का प्रयास किया।

इतना ही नहीं, टीम पर पत्थरबाजी भी की, जिससे एक दारोगा घायल हो गए। मामले में पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 26 आरोपियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

जिले में गौकशी की घटनाएं रोकने के लिए गठित पुलिस के गौवंश संरक्षण स्क्वायड को सूचना मिली कि भगवानपुर थाना क्षेत्र के सिकरौढ़ा गांव में बड़े पैमाने पर गौकशी की जा रही है। इस पर स्क्वायड पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची और एक मकान में छापा मारा।

मकान के अंदर गोमांस व खून बिखरा पड़ा था। पुलिस को देखकर दो आरोपी भाग निकले, जबकि दो महिलाएं नसरीन व जैनब कुल्हाड़ी, छुरा आदि छिपाने लगीं। पुलिस ने महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि मांस इरशाद, नौशाद, मुकीम और दिलशाद निवासीगढ़ सिकरौढ़ा लेकर आए हैं।

टीम महिलाओं को लेकर जाने लगी तो 30-40 लोगों ने उन्हें घेर लिया और आरोपियों को छुड़ाने का प्रयास किया। इसके लिए टीम से धक्का-मुक्की की जाने लगी। इस बीच किसी ने पथराव कर दिया। एक पत्थर दारोगा प्रदीप की छाती में लगा, जिससे वह गिर गए। भीड़ को उग्र होता देख कांस्टेबल राहुल ने भगवानपुर इंस्पेक्टर को फोन कर स्थिति के बारे में बताया।

थोड़ी देर बाद पुलिस की एक और टीम मौके पर पहुंच गई, तब उपद्रवी भाग खड़े हुए। भगवानपुर इंस्पेक्टर सूर्य भूषण नेगी ने बताया कि मामले में नसरीन पत्नी नौशाद और उसकी बेटी जैनब को मौके से गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य आरोपित भाग निकले। नौशाद भी आरोपियों में शामिल है। इसके अलावा तौफीक, अतीक, फैजान, मुर्तजा, हसीन, इसरान, रिहान, अनीस, असलम, शराफत उर्फ अल्लू, अनवर, शमीम, सावन उर्फ हल्वा, सुभान, इस्लाम, रियासत, सलमान, गुड्डू, अजीम, खुसनसीब, रेशमा, शहजादी, शमा, शाहीन, मोहसिना व रिजवाना के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
—————————————-
गौकशी करने वालों की इस्लाम में कोई जगह नहीं…..

गौकशी करने वालों पर न सिर्फ कानून का शिकंजा कस रहा है, बल्कि मुस्लिम समाज के अधिकांश लोग भी इसे बेहद गलत नजरिए से देख रहे हैं। गौकशी की घटनाओं को लेकर हिंदू संगठनों के साथ-साथ मुस्लिम समाज में भी नाराजगी और आक्रोश पनप रहा है। कारण यह है कि चंद लालची लोगों के कारण पूरी कौम शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।

यही वजह है कि उलेमा भी सामाजिक स्तर पर गौकशी पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों पथरी क्षेत्र के एकड़ गांव में भी युवाओं ने मीटिंग कर गौकशी पर सख्ती से रोक लगाने का फैसला लिया था। यह भी तय हुआ था की गौकशी करने वालों को का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

हालांकि, जिले के दूसरे इलाकों में गौकशी की घटनाएं हो रही हैं, यहां तक कि मुठभेड़ में कई गौ तस्करों के पैर में गोली भी लग चुकी है। गौकशी की घटनाओं को लेकर मौलाना कासिम सुलेमानी का कहना है कि इस्लाम में हर उस बात से मनाही की गई है, जिसे हुकूमत ने मना किया हो।

जो लोग को गौकशी कर रहे हैं, वह कानून के मुजरिम तो हैं ही साथ ही इस्लाम के गुनहगार भी हैं। ऐसे लोगों को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए। नहीं तो पूरा मुस्लिम समाज पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगा।