पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: अलग-अलग मुकदमों में दर्जनों अपराधियों की जमानत लेने वाले दो सगे भाइयों पर कोर्ट ने शिकंजा कस दिया। हरिद्वार निवासी दोनों भाई पेशेवर जमानती हैं। इस मामले में वकील की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
टिहरी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने फर्जी जमानतियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज कर प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध करवाने के आदेश नई टिहरी कोतवाली को दिये हैं।
टिहरी में एक फौजदारी वाद के दौरान फर्जी जमानतीयों का मामला कोर्ट के सामने आया है। कोर्ट ने माना है कि हरिद्वार निवासी जमानती शफक्कत और लियाकत अली ने अपने नाम दर्ज खाता-खतौनी के आधार पर अलग-अलग जिलों के न्यायालयों के समक्ष लंबित अलग-अलग मामलों में अलग-अलग अभियुक्तों की जमानत लेने और अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा से अवैध रूप से छुड़ाने का प्रयास करने का गंभीर कृत्य किया है। न्यायालय ने इसे न्याय व्यवस्था के लिए घातक माना है। कहा कि जमानतीगण शफक्कत और लियाकत अली ने भिन्न-भिन्न जिलों के अलग-अलग न्यायालयों के समक्ष अलग-अलग मामलों में अलग-अलग अभियुक्तों की जमानतें ली हैं। लेकिन किसी भी जमानतनामें में पूर्व की जमानतों के बार में शपथ पत्र में नहीं बताया। जिसे कोर्ट के साथ धोखाधड़ी के रूप में देखा गया है। जिसके चलते इन जमानतियों के खिलाफ सीजीएम न्यायालय ने नई टिहरी कोतवाली के थानाध्यक्ष को 24 घंटे के भीतर मुकदमा पंजीकृत कर एफआईआर की प्रति प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।