पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में मस्जिद हटाने की मांग को लेकर हिंदूवादी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। पहले से तैयार पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस बीच भीड़ ने पथराव कर दिया। जिससे अफरा तफरी मच गई। पुलिस को लाठी चार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बवाल में 10 से ज्यादा लोग चोटिल हुए हैं। इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में भी हंगामा हुआ। दरअसल, स्वामी दर्शन भारती सहित कई हिंदू संगठन उत्तरकाशी शहर में स्थित मस्जिद को अवैध बताकर ध्वस्त करने की मांग उठाते आ रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन अपनी छानबीन के बाद यह स्पष्ट कर चुका है मस्जिद पूरी तरह वैध है। इसको लेकर जिला प्रशासन बकायदा प्रेस विज्ञप्ति भी जारी कर चुका है। इसके बावजूद संगठन मस्जिद को अवैध बताकर अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। स्वामी दर्शन भारती के वीडियो निमंत्रण पर सैकड़ों की संख्या में हिंदूवादी कार्यकर्ता व अन्य लोग उत्तरकाशी पहुंचे। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए जनाक्रोश रैली बैरिकेड के पास पहुंची, जहां उनकी पुलिस से तीखी झड़प हुई। इस दाैरान भीड़ ने पथराव कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।रैली के चलते बाजार बंद कराए गए। मस्जिद के पास से जाने की अनुमति नहीं मिलने तक प्रदर्शनकारियों ने कहा कि व धरने पर अड़े रहेंगे। यही भाषणबाजी शुरू हो गई। हालात बेकाबू होते देख एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला मौके पर पहुंचे। जनाक्रोश रैली के चलते चारधाम यात्रा के वाहनों को पहले ही बड़ेथी मनेरा तेखला बाईपास से डायवर्ट किया गया। बैरिकेडिंग लगाकर रोकने के बावजूद भीड़ पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुई। इतना ही नहीं, भीड़ की तरफ से पथराव चालू हो गया। तब पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़। पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इस बवाल में एक दर्जन से अधिक लोग में चोटिल हुए हैं। पुलिसकर्मियों पर भी आंदोलनकारी ने पथराव किया। बैरीकेटिंग तोड़कर भटवाड़ी रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट परिसर में भारी हंगामा हुआ।प्रशासन जारी कर चुका रिपोर्ट……
वहीं जिला प्रशासन की ओर से 21 अक्टूबर को उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी। जिससे मस्जिद को लेकर भ्रम की स्थिति पर विराम लगने की उम्मीद थी। उपजिलाधिकारी मुकेश रमोला ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस भूमि पर मस्जिद बनी है वह भूमि खाते धारकों के नाम पर दर्ज है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुस्लिम वक्फ विभाग, लखनऊ की ओर से प्रकाशित सरकारी गजट में 20 मई 1987 में यह मस्जिद उल्लेखित है। जिसमें सुन्नी वक्फ की ओर से मस्जिद का खसरा, रक्वा, नाली और धार्मिक उद्देश्य के रूप में अंकित है। इसके अलावा इस भूमि का दाखिला 2004 में हुआ। 2005 को पारित तहसीलदार के एक आदेश में यह उल्लेखित किया गया कि संबंधित भूमि पर मस्जिद बनी हई है।
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ऐसे पैदा हुआ विवाद…..दरअसल उत्तरकाशी में पिछले कई दिनों से संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ उत्तरकाशी आंदोलित है। इस संगठन ने आरटीआइ के तहत जिला प्रशासन से मस्जिद को लेकर सूचना मांगी। जिसमें जिला प्रशासन की ओर से आधा अधूरी सूचना दी गई। इस संबंध में जिला प्रशासन की ओर से न तो जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई। और न आरटीआइ की रिपोर्ट को संशोधित कर भेजा गया। संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की ओर से इस मामले में 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में हिंदू महा जनाका्रोश रैली की चेतावनी दी थी।