अपराधहरिद्वार

एक महीने से फोन नहीं उठा रही थी सुनिता, गुस्से में पागल राजीव ने शराब पीकर निकाला गुबार, रिश्तेदारों ने खोले राज..

बेटी-दामाद के आक्रामक स्वभाव का शिकार हुई रिटायर्ड महिला भेलकर्मी, पुलिस ने डॉक्टरों के पैनल से कराया पोस्टमार्टम..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के टिहरी विस्थापित कॉलोनी में अपनी सास व पत्नी की हत्या करने के बाद खुद को गोली से उड़ाने वाले राजीव अरोड़ा की मानसिक स्थिति विस्फोटक थी। मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे रिश्तेदारों ने बताया कि राजीव व सुनिता दोनों ही गर्म मिजाज के थे। एक महीने से दोनों अलग रहते आ रहे थे।

फाइल फोटो: मृतक सुनीता

सुनिता अपने पति की कॉल भी नहीं उठा रही थी। दोनों के बीच व्हाटसएप पर बातचीत हो रही थी। फोन न उठाने के चलते राजीव के मन में गुस्से की आग भड़क रही थी। राजीव शराब पीकर हरिद्वार पहुंचा और नशे में ही डबल मर्डर व सुसाइड को अंजाम दे डाला। वीडियोग्राफी के बीच डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शकुंतला का शव उनके बेटे और राजीव अरोड़ा व उनकी पत्नी सुनिता के शव उनके भाई को सौंप दिए।
—————————————-रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की टिहरी विस्थापित कॉलोनी में राजीव अरोड़ा निवासी सिद्धार्थ एन्कलेव महारानी बाग, आश्रम दिल्ली ने अपनी सास शकुंतला व पत्नी सुनिता अरोड़ा की हत्या करने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। सुनिता क्रिश्चिन थी और राजीव अरोड़ा हिंदू। दोनों ने जाति धर्म की दीवारें तोड़कर प्रेम विवाह किया था।

फाइल फोटो: प्रेम प्रसंग

लेकिन दोनों का स्वभाव आक्रामक था और इसी कारण अक्सर उनके बीच विवाद होते रहते थे। एक बार तो राजीव ने सुनिता को घर से भी निकाल दिया था। एक महीने पहले झगड़ा बढ़ने के कारण दोनों अलग रहते आ रहे थे। ऐसा बताया गया है कि राजीव के बार-बार कॉल करने पर भी सुनिता कॉल रिसीव नहीं कर रही थी।

फाइल फोटो: मृतक राजीव

जिससे राजीव का गुस्सा बढ़ता जा रहा था। पुलिस मान रही है कि राजीव के मन में एक महीने से गुस्से की आग सुलग रही थी। जिसका नतीजा दो हत्या और आत्महत्या के रूप में सामने आया है।

फाइल फोटो: कमल मोहन भंडारी (प्रभारी निरीक्षक रानीपुर कोतवली)

कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि तीनों के मोबाइल फोन फॉरसिंक जांच के लिए लैब भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद घटना की वजह साफ हो सकती है। डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के बाद तीनों के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
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कार से मिली आधा बोतल शराब…..पुलिस ने कार की तलाशी ली तो शराब की बोतल भी मिली। माना जा रहा है कि दिल्ली से हरिद्वार आने के बाद राजीव ने गाड़ी बैठकर ही शराब पी और इसके बाद शकुंतला के घर पहुंचा। लाइसेंसी पिस्टल राजीव अरोड़ा के नाम पर ही है। राजीव की सास शकुंतला क्रिश्चियन थी। इसलिए उनका बेटा विनय मां के शव को इसाई रीति से अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार से ले गया। यह भी पता चला है कि राजीव अरोड़ा ने हरिद्वार के एसएमजेएन पीजी कॉलेज से पढ़ाई की थी। कॉलेज प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने इसकी पुष्टि की है।
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भेल से रिटायर्ड थी शकुंतला……

फाइल फोटो: मृतका शकुंतला

शकुंतला के पति जगदीश चंद्र दीपक भेल में कार्यरत थे। 1973 में उनकी मौत के बाद शकुंतला को आर्टिजन पद पर नौकरी मिली थी। रिटायर्ड होने के बाद शकुंतला ने टिहरी विस्थापित कॉलोनी में मकान बनाया था। लेकिन वह बेटी-दामाद के साथ दिल्ली रहती थी।

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