राजनीतिहरिद्वार

“कलियर की सियासत में नाजिम त्यागी का नया अध्याय—जनता का कारवां, बदलाव की राह..

घर-घर पहुंचे नाजिम त्यागी —जनता की अदालत में विकास के वादों का इम्तिहान..

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पंच👊नामा
पिरान कलियर: “मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया…“कुछ ऐसा ही मंजर पिरान कलियर नगर पंचायत सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार नाजिम त्यागी के साथ नजर आ रहा है। यह चुनावी दंगल सिर्फ हार-जीत का नहीं, बल्कि जनसेवा के जज़्बे और विकास के वादों का बन चुका है।नाजिम त्यागी कांग्रेस से टिकट की आस लगाए हुए थे, लेकिन जब पार्टी ने किसी और पर भरोसा जताया, तो उन्होंने निराशा की दीवारों को तोड़ते हुए खुद का रास्ता बनाने का फैसला किया। बिना किसी बड़े संगठन के समर्थन के, उन्होंने “ज़ीरो से हीरो” बनने की यात्रा शुरू की। आज उनके साथ एक ऐसा कारवां खड़ा हो गया है, जो जनता की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
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सियासी समीकरण—चुनावी गणित में भावनात्मक जोड़-घटाव….कलियर क्षेत्र में नाजिम त्यागी का मधुर व्यवहार और ज़मीनी जुड़ाव उन्हें मजबूत बनाता है। उन्होंने बीडीसी मेंबर, कनिष्ठ ब्लॉक प्रमुख और सभासद के तौर पर जो अनुभव हासिल किया है।वह उन्हें एक कुशल प्रशासक और योग्य नेता के रूप में स्थापित करता है। त्यागी के घर-घर प्रचार अभियान ने हर वर्ग को प्रभावित किया है। युवा और महिला वर्ग—उनकी लोकप्रियता का मुख्य आधार बना है।
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जनता से वादा—कलियर को आदर्श नगर पंचायत बनाना…..नाजिम त्यागी विकास को चुनाव का मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। उनका कहना है, “यह चुनाव मेरे लिए केवल जीतने का नहीं, बल्कि कलियर को एक आदर्श नगर पंचायत बनाने का मिशन है। “उन्होंने बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने का वादा किया है।व्यापारियों और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने की योजना बनाई और महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
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असरदार व्यक्तित्व—मधुर व्यवहार बना शक्ति…..त्यागी का मिलनसार स्वभाव उनके पक्ष में एक बड़ी ताकत है। जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ रहने का उनका रवैया उन्हें एक भरोसेमंद चेहरा बनाता है। लोगों की समस्याओं को हल करने में उनकी तत्परता ने उन्हें हर दिल अज़ीज़ बना दिया है।इस चुनाव में नाजिम त्यागी की यात्रा संघर्ष और उम्मीदों की मिसाल है। यह एक ऐसा मौका है, जहां एक स्वतंत्र उम्मीदवार जनता की ताकत के बल पर न केवल चुनावी बाजी पलट सकता है, बल्कि नगर पंचायत के भविष्य की नई इबारत भी लिख सकता है। नाजिम त्यागी ने अंत में कहा “रास्ते खुद-ब-खुद बनते गए मेरे इरादों के आगे, जिसे रोशनी समझा, वो चिराग जलते गए मेरे पीछे…

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