हरिद्वार

Haridwar: संत समाज ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग..

शांतिप्रिय यात्रियों पर हमला भारतीय संस्कृति पर सीधा प्रहार: श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर संत समाज में गहरा रोष है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने इस हमले को कायरतापूर्ण और मानवता के खिलाफ बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस अमानवीय कृत्य से पूरे संत समाज को गहरा दुख पहुंचा है और अब समय आ गया है जब देश का हर नागरिक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो।श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। ऐसे कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। शांतिप्रिय यात्रियों और पर्यटकों पर हमला केवल हिंसा नहीं बल्कि देश की एकता, अखंडता और भारतीय संस्कृति पर हमला है। ”उन्होंने सरकार से मांग की कि इस हमले की गहराई से जांच हो और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत एक धार्मिक और आध्यात्मिक देश है जहां हर धर्म, हर समुदाय को पूरी स्वतंत्रता प्राप्त है। बावजूद इसके कुछ विघटनकारी तत्व देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने आमजन से संयम बनाए रखने और देश की एकता को मज़बूत करने का आह्वान भी किया।श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने शहीद हुए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इस मौके पर संत समाज के कई प्रमुख संतों और महंतों ने भी आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की। संतो में शामिल अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास, अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत दुर्गादास, निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी बालकानंद गिरी, स्वामी अरुण गिरी, निर्मल अखाड़ा के पूर्व सचिव श्रीमहंत बलवंत सिंह, महंत जसविंदर सिंह, राघवेंद्र दास, गोविंदास, नारायण गिरी, बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत मधूसूदन गिरी, महंत विवेक गिरी, गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास, आनंद स्वरूप, स्वामी राम मुनि, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी, आचार्य पारस मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री, संत त्रिलोचन दास, स्वामी राजेंद्रानंद, महंत गर्व गिरी, महंत संजय गिरी आदि सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और सरकार को ऐसे हमलों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनानी चाहिए।

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