पंच👊नामा-ब्यूरो
रुड़की: दलित अधिकारों की दुहाई देने वाली “भीम आर्मी” और सामाजिक न्याय की बात करने वाली “आज़ाद समाज पार्टी” के एक प्रदेश स्तरीय नेता और खनन माफिया के बीच कथित “वसूली की सौदेबाजी” से जुड़े कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। जिनसे पार्टी के चंद नेताओं के परदे के पीछे छिपे चेहरे को लेकर सवाल खड़े हो गए। साथ ही, सियासत और अवैध खनन के संगठित कारोबार के गठजोड़ की परतें भी खुलकर सामने आ गई।
सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही ऑडियो क्लिप्स ने जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है। वायरल ऑडियो में कथित तौर पर भीम आर्मी नेता खनन कारोबारी से महीना तय करते सुना जा रहा है। इतना ही नहीं, वह अपने कुछ करीबी कार्यकर्ताओं के नाम भी सामने रखता है, जिनके माध्यम से ये रकम वसूली जानी है। ऑडियो में डील तय होने पर 10 हजार रुपये महीना या फिर हिस्सेदारी की एवज में ट्रैक्टर चलने की बात भी सुनी जा रही है।
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जब हिस्सा न मिले तो ‘काम बंद’ के निर्देश…ऑडियो क्लिप में एक और हैरान करने वाला संवाद सामने आया है, जिसमें भीम आर्मी नेता अपने कार्यकर्ताओं से कहता है, “अगर हिस्सा नहीं मिलता तो काम बंद करवा दो।” यह बयान सीधे तौर पर वसूली के लिए दबाव बनाने की रणनीति को उजागर करता है।
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क्या दलित राजनीति सिर्फ दिखावा….?भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी ने खुद को अभी तक दलित समाज की आवाज के रूप में प्रस्तुत किया है। लेकिन वायरल ऑडियो ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह संगठन के नेता अब दलितों की बात करने के बजाय खनन माफिया के साझेदार बन गए हैं…?
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हरिद्वार देहात से जुड़ा है कारोबारी….सूत्रों के अनुसार, भीम आर्मी नेता से बातचीत करने वाला व्यक्ति हरिद्वार देहात क्षेत्र का एक सक्रिय खनन कारोबारी है। बातचीत के दौरान वह खुद को स्थानीय प्रभावशाली बताता है और हर महीने मिल बांटकर काम करते हुए ‘हिस्सेदारी’ की बात करता है।
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राजनीतिक संरक्षण की बू…..इस पूरे प्रकरण ने यह भी संकेत दिए हैं कि खनन माफिया को किसी न किसी राजनीतिक संरक्षण का लाभ मिल रहा है। वरना कोई नेता इतनी बेफिक्री से वसूली की बात खुलेआम फोन पर नहीं करता।
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नोट: “पंच👊नामा ख़बर इन ऑडियो क्लिप को लेकर किसी भी तरह का दावा या पुष्टि नहीं करता है, यह पूरी चर्चाएं सोशल मीडिया पर बनी हुई हैं।