“हरिद्वार में मूसलाधार बारिश से सड़कों पर सैलाब, हरकी पैड़ी से खड़खड़ी तक पहाड़ से मलबा गिरा..
सावन के अंतिम सोमवार पर शिवभक्तों की आस्था पर भारी पड़ी आफत, जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने हरिद्वार में हाहाकार मचा दिया। चंद्राचार्य चौक से लेकर भगत सिंह चौक तक सड़कों ने नदी का रूप ले लिया। ज्वालापुर, कनखल और खड़खड़ी के निचले हिस्सों में पानी भरने से घरों में पानी घुस गया और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हरकी पैड़ी क्षेत्र और आसपास की पहाड़ियों से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने से कई सड़कें बंद हो गईं। खड़खड़ी, भूपतवाला और शंकराचार्य चौक की ओर जाने वाले रास्तों पर आवाजाही ठप रही।
बारिश का कहर इतना ज्यादा था कि नगर निगम की व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल नजर आईं। जल निकासी न होने से जगह-जगह लोगों को घंटों फंसे रहना पड़ा।
हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर भी जलभराव ने राहगीरों की रफ्तार रोक दी। कई वाहन जलभराव में बंद हो गए, वहीं दोपहिया वाहन चालक फिसलन भरी सड़कों पर परेशान नजर आए। बारिश की वजह से कीचड़ और गड्ढों से होकर निकलना लोगों की मजबूरी बन गया।
श्रद्धालुओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ी। सावन के आखिरी सोमवार को हजारों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार पहुंचे, लेकिन भारी बारिश और जलभराव ने उनकी आस्था की परीक्षा ले ली। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को घंटों ट्रैफिक में फंसे रहना पड़ा।
प्रशासन ने दावा किया है कि हालात पर नजर रखी जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और सफाई का काम जारी है। हालांकि लोगों में गुस्सा इस बात को लेकर है कि समय रहते नालों की सफाई नहीं कराई गई।
स्थानीय निवासियों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर साल यही हाल होता है, लेकिन कोई सबक नहीं लिया जाता। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक घरों से बाहर निकलने से बचें।