देहरादून

“सस्पेंड एसओ शैंकी के समर्थन में आये लोग, बोले- हर इंसान से होती है गलती, पर एक गलती पर भुलाए नहीं जा सकते अच्छे काम..

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, समर्थकों ने गुड वर्क गिनाकर आलोचकों के मुंह किए बंद..

खबर को सुनें

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: निलंबित एसओ शैंकी चौधरी को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। एक ओर उनके विरोधी शराब के नशे में अनुशासनहीनता के मामले को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर समर्थक खुलकर उनके पक्ष में उतर आए हैं। उनका कहना है कि कोई भी इंसान गलती कर सकता है, लेकिन उस एक गलती के आधार पर किसी पुलिस अधिकारी की वर्षों की सेवा और समाजहित में किए गए अच्छे कामों को भुलाना न्यायसंगत नहीं होगा।समर्थकों ने शैंकी चौधरी के कार्यकाल के दौरान किए गए कई बड़े कामों का जिक्र किया। हाल ही में देहरादून-मसूरी मार्ग पर आई आपदा में उन्होंने बिना थके लगातार कई घंटों तक राहत और बचाव कार्य में हिस्सा लिया। चौधरी ने फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दिन-रात मेहनत की थी, जिसके लिए उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से प्रशंसा भी मिली थी।इतना ही नहीं, एसओजी में रहते हुए उन्होंने कई दुर्दांत अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। नशे की बड़ी खेप की बरामदगी हो, गैंगवार के आरोपी हों या फिर ब्लाइंड मर्डर के पेचीदा मामले – चौधरी ने अपनी तत्परता और मेहनत से सबमें सफलता पाई। क्राइम कंट्रोल और तफ्तीश में उनकी सक्रियता की वजह से उन्हें कई बार “स्मार्ट अफसर” कहा गया।समर्थकों का तर्क है कि पुलिस की नौकरी बेहद कठिन और 24 घंटे की होती है। किसी भी समय आपातकालीन कॉल आने पर अधिकारियों को तुरंत घर से निकलना पड़ता है। ऐसे में दुर्भाग्यवश यदि किसी दिन वह नशे की हालत में बाहर आ भी गए, तो इसे उनकी पूरी छवि पर हावी करना उचित नहीं है। उनका कहना है कि चौधरी ने जितना समाजहित में योगदान दिया है, उसे एक गलती के आधार पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।सोशल मीडिया पर चल रही बहस में चौधरी के समर्थकों का मानना है कि गलतियां इंसानियत का हिस्सा हैं। लेकिन, यदि कोई पुलिस अधिकारी लगातार समाजहित और अपराध नियंत्रण के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर काम करता है, तो उस एक गलती से उसकी पूरी छवि को धूमिल करना न केवल अन्याय होगा, बल्कि उसके मनोबल को भी तोड़ने वाला कदम साबित होगा। इसलिए उनके समर्थक मांग कर रहे हैं कि आलोचना करते समय उनके अच्छे कामों को भी याद रखा जाए, ताकि संतुलित दृष्टिकोण सामने आ सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!