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“उत्तराखंड पुलिस का “हबीबी” स्ट्रोक, दुबई से खींच लाई 15 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून/पिथौरागढ़। उत्तराखण्ड पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता हासिल करते हुए करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे आरोपी जगदीश पुनेठा को दुबई से गिरफ्तार कर भारत ले आई है। फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपये हड़पने वाला यह आरोपी लंबे समय से फरार था और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। सीबीसीआईडी उत्तराखण्ड की विशेष टीम उसे अबूधाबी एनसीबी की गिरफ्तारी के बाद प्रत्यर्पित कर लाई।जगदीश पर शेयर बाजार, निर्मल बंग कमोडिटी, रॉयल पैंथर प्रा. लि., मात्रछाया आभूषण प्रा. लि. जैसी योजनाओं में निवेश का लालच देकर लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के आरोप हैं। पिथौरागढ़ निवासी लीलाधर पाटनी की शिकायत पर 2021 में दर्ज मुकदमे के अनुसार आरोपी और उसके साथियों ने ₹8 लाख की ठगी की थी। जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने कुल ₹15.17 करोड़ की धोखाधड़ी की और ₹2.22 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की।FIR No. 239/2021 में उसके दो साथी—ललित पुनेठा और पंकज शर्मा—पहले ही गिरफ्तार होकर जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि जगदीश लगातार फरार था। उसकी कुर्की की कार्रवाई भी की गई और 4 जुलाई 2024 को उसे मफरूर अभियुक्त घोषित करते हुए आरोप पत्र दाखिल किया गया। उसके खिलाफ पिथौरागढ़ और जाजरदेवल थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट का मामला (FIR No. 11/2023) भी शामिल है।पिथौरागढ़ पुलिस के तकनीकी इनपुट पर पता चला कि जगदीश दुबई में छिपा है। इसके बाद सीबीसीआईडी ने सीबीआई के जरिए इंटरपोल से संपर्क कर रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी करवाया। इसी आधार पर अबूधाबी एनसीबी ने उसे गिरफ्तार किया। आरोपी को भारत लाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने तीन सदस्यीय टीम भेजी—एएसपी सीबीसीआईडी मनोज कुमार ठाकुर (टीम लीडर), प्रभारी निरीक्षक ललित मोहन जोशी और निरीक्षक सतीश कुमार शर्मा। टीम 10 नवंबर को दुबई पहुंची और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 13 नवंबर को उसे सुरक्षा मिशन के तहत भारत लाकर पिथौरागढ़ ले गई।अब आरोपी को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस उसके नेटवर्क, बैंक खातों, निवेशकों की सूची और विदेश में संचालित गतिविधियों की गहराई से जांच करेगी। पुलिस इसे बड़ी उपलब्धि मान रही है और कह रही है कि ऐसे मामलों की कार्रवाई और भी सख्ती से की जाएगी, ताकि विदेशी ठिकानों से फरार होने वाले अपराधियों पर लगाम लग सके।

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