पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जिला कारागार में बंद कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि तक मोबाइल पहुंचाने का प्रयास कर रहे रुड़की के एक अधिवक्ता की होशियारी चेकिंग के दौरान पकड़ में आ गई। आरोप है कि अधिवक्ता ने फलों के बीच थैले में जुगाड़बाजी से मोबाइल छिपाया हुआ था। तलाशी लेने पर बंदी रक्षकों की नजर मोबाइल पर पड़ गई और अधिवक्ता की पोल खुल गई। इससे हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन की ओर से अधिवक्ता के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इस घटना से कई सवाल खड़े हो गए हैं। पहले तो प्रवीण वाल्मीकि ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की और हरिद्वार जिले में चल रहे अपने मुकदमों का हवाला देते हुए खुद को जिला कारागार में शिफ्ट करा लिया। गेट पर मोबाइल पकड़े जाने से यह साफ हो गया कि प्रवीण फिर से जेल की सलाखों के पीछे से अपना नेटवर्क संचालित करने की फिराक में है। इससे पुलिस व खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। इंस्पेक्टर सिडकुल प्रमोद उनियाल ने बताया कि मामला सामने आया है, जांच की जा रही है।
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थर्माकोल में छिपाया गया था मोबाइल…
हरिद्वार: जेल के सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने का पूरा बंदोबस्त किया गया था। इसके लिए मोबाइल फोन को थैले के अंदर एक थर्माकोल में छुपाया गया था। जेल प्रशासन की मुस्तैदी से यह मामला पकड़ में आ गया है। साथ ही प्रवीण वाल्मीकि के हरिद्वार शिफ्ट होने का उद्देश्य भी लगभग निकलकर सामने आ गया है।
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सीसीटीवी में कैद…..
अधिवक्ता अपने मुवक्किल के हित में कोर्ट के भीतर जोरदार पैरवी करते हैं, लेकिन यहां यह भी सवाल उठ रहा है कि अधिवक्ता ने को कुख्यात को मोबाइल पहुंचाने जैसा कदम क्यों उठाया। जेल के गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। यह पूरा मामला कैमरे में भी कैद हो गया है।