अफ़ज़ल मंगलोरी की शायरी को मिला नया अदीबी मक़ाम, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया “तेरे बाद” किताब का विमोचन..

पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड: देहरादून की पुरसुकून फ़िज़ा में अदब का जश्न उस वक़्त और ख़ुशनुमा हो गया जब मशहूर शायर अफ़ज़ल मंगलोरी के उर्दू काव्य संग्रह “तेरे बाद” का विमोचन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करकमलों से किया गया। यह ख़ूबसूरत तक़रीब भाषा संस्थान के साहित्यिक उत्सव के दौरान देहरादून सभागार में अंजाम पाई, जिसमें अदब, सहाफ़त और इल्म-ओ-फ़न से जुड़ी कई अहम शख़्सियतों ने शिरकत की। इस मौक़े पर उत्तराखंड के भाषा, वन और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक ख़जान दास, भाषा संस्थान उत्तराखंड की निदेशक स्वाति भदौरिया, हिंदी, उर्दू, गढ़वाली और कुमाऊँनी के मशहूर साहित्यकार, लेखक, पत्रकार और सरकारी अधिकारी मौजूद रहे।
स्वाति भदौरिया ने बताया कि इस किताब के प्रकाशन में भाषा संस्थान द्वारा आंशिक आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने अफ़ज़ल मंगलोरी की साहित्यिक सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी शायरी से सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश में भी उर्दू भाषा और साहित्य का नाम रोशन किया है।
अफ़ज़ल मंगलोरी उर्दू अदब की दुनिया में एक अहम नाम हैं। उनकी शायरी में मोहब्बत की नरमी भी है और ज़िंदगी की हक़ीक़तों की गहराई भी। “तेरे बाद” उनकी ऐसी तख़लीक़ी पेशकश है, जो जज़्बात, फ़िक्र और एहसास की ख़ूबसूरत तस्वीर पेश करती है। उनके अशआर दिल की गहराइयों तक उतर जाते हैं और पढ़ने वाले को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
इस तरह की साहित्यिक महफ़िलें न सिर्फ़ ज़बान-ओ-अदब की तरक्की का सबब बनती हैं, बल्कि साहित्य प्रेमियों के लिए भी एक यादगार लम्हा होती हैं। “तेरे बाद” का यह नया सफ़र, उर्दू शायरी के चाहने वालों के दिलों में एक नई जगह बनाएगा।