कड़च्छ में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक सहित 325 नेता, फिर भी आंसू बहा रही सड़क..
20 हजार की आबादी हो रही प्रभावित, ना अधिकारियों को चिंता, ना जनप्रतिनिधियों को परवाह..

पंच👊नामा
सुल्तान, हरिद्वार: ज्वालापुर का मोहल्ला कड़च्छ राजनीति के मामले में “माला माल है। यहां पूर्व सांसद और पूर्व विधायक से लेकर मेयर और विधायक प्रतिनिधियों के अलावा भाजपा, कांग्रेस व बसपा आदि हर पार्टी के लगभग 325 नेता रहते हैं। कई नेताओं के संबंध सीधे मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों से हैं। इनमें कुछ तो अपना लेवल राष्ट्रीय राजनीति से कम नहीं समझते। इन तमाम शख्सियतों की रिहाईशगाह मोहल्ला कड़च्छ में होने के बावजूद रेलवे रोड से अंबेडकर चौक जाने वाली मुख्य सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। विकास के नाम पर इस सड़क का निर्माण कार्य कई महीने पहले शुरू हुआ था। सड़क की खुदाई कर दी गई। कुछ जगहों पर रोड़ी भी बिछा दी गई। लेकिन इसके बाद अधिकारी सड़क बनाना भूल गए या फिर यूं कहें कि विधायक सहित चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने इस मोहल्ले से अपनी नजरें फेर ली। महीनों से हालात यह है कि सड़क खुदी पड़ी है और जगह-जगह पर मेनहोल ऊपर उठे हुए हैं, जो लगातार हादसों का कारण बन रहे हैं। कड़च्छ के अलावा अहबाबनगर, कैथवाडा, मैदानियान, तेलियान, कोटरवान आदि मोहल्लों की 20 हजार से ज्यादा की आबादी इस सड़क से आवाजाही करती है, काम अधर में लटकने से इतनी बड़ी आबादी परेशान है।
अभी तक कई बच्चे और बुजुर्ग घायल हो चुके हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जनप्रतिनिधियों ने तो अपनी आंखें मूंद ही ली है साथ ही अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास कतई नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यहां रहने वाले नेताओं की फौज से है कि आखिर देश-प्रदेश के विकास के दावे करने वाले नेता आखिरकार अपने मोहल्ले की सड़क क्यों नहीं बनवा पा रहे हैं। क्या उनकी राजनीति केवल दूसरों की जय-जयकार करने और एक दूसरे की टांग खींचने तक ही सीमित है।
क्या इतने वरिष्ठ और युवा नेताओं की मौजूदगी के बावजूद अधिकारी यहां की सड़क का निर्माण समय पर पूरा करने जरूरी नहीं समझते हैं। साथ ही क्षेत्र के आम लोगों के लिए भी यह आंख खोलने का विषय है कि उनके विकास के दावे करने वालों की आखिर हकीकत क्या है।।