बड़े कलंदरों पर भारी “छोटे धुरन्धर”, तिलों से निकालना हो तेल, या कराना हो विरोधियों में मेल, इनके आगे बड़े-बड़े फेल..
अपनी मर्जी से एक स्टार बढ़ाकर छोटे पंखों से भर रहे ऊंची उड़ान, छू रहे आसमान, किसी को चेकिंग का चस्का, तो कोई प्रोपर्टी विवादों का मास्टर..
पंच👊नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: पुलिस में कई छोटे धुरंधर बड़े-बड़े कलंदरों पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस के कुनबे में भले ही इनको एएसआई के तौर पर देखा जाता है, लेकिन पब्लिक में इनके कारनामों के आगे “तीन *** स्टार” वाले भी पानी भरते हैं।
कई खास मामलों में धार इतनी तेज है कि कटने वाले की मरहम पट्टी भी मुश्किल हो जाती है। सिटी की एक कोतवाली में तैनात ऐसे ही एक धुरंधर की आजकल पब्लिक में खूब चर्चाएं हैं। कंधे पर एक स्टार अपनी मर्जी से लगाने के बाद तो जैसे अशोक स्तंभ की पावर इनके शरीर में प्रवेश कर गई।
बस फिर क्या… भाई साहब छोटे पंखों से ऊंची उड़ान उड़ते हैं और अक्सर आसमान छूते हैं। शांतिभंग से लेकर झगड़ा, मारपीट और जमीन से जुड़े मामलों में “तिलों से तेल” कैसे निकालना है, कौन से पक्ष की कौन सी नस दबाने से बिना ऑपरेशन के सफल उपचार होगा।
कौन सा औजार चलाने पर विरोधियों में मेल होगा और कौन सा बटन दबाने पर दोनों तरफ से आउटगोइंग चालू होगी, इसमें एएसआई साहब को महारथ हासिल है। जरूरी नहीं कि उनके रडार पर प्रतिवादी पक्ष ही आए, उनकी दो नाली बंदूक एक साथ दोनों पक्षों को टारगेट पर लेने की क्षमता रखती है।
बहरहाल, जिले की कई और थाने-कोतवाली में ऐसे कई प्रतिभाशाली छोटे दारोगा “साम दाम दंड भेद” से लैस होकर अपना जलवा बिखेर रहे हैं। देहात में एक एएसआई को रात्रि चेकिंग का विशेष अनुभव है। रात्रि चेकिंग के लिए उन्हें बदले में दिनभर बेगारी करना भी मंजूर है।
जबकि एक अन्य छोटे दारोगा जी का दिल हर समय ट्रैक्टर ट्रालियों में सफर करता है। कई बार तो नींद में भी हाथ देकर वाहन रोक लेते हैं। कुल मिलाकर जिले में कई धुरन्धर दारोगा व इंस्पेक्टरों के बीच कुछ छोटे दारोगा उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।